तय कीमत ₹266.50 के स्थान पर ₹340 में बिक रहा खाद, किसानों ने जताई नाराजगी
शिवलाल जागिड़
बरसात के बाद फसलों के लिए खाद की बढ़ती मांग के बीच समिति में
यूरिया व एनपीके खाद की अधिक वसूली और
मनमानी बिक्री की शिकायतें सामने आ रही हैं।
किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा तय दरों से कहीं अधिक मूल्य वसूला जा रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
🚜 किसानों ने बताई परेशानी
लाडपुरा निवासी हीरालाल माली ने बताया कि समिति में यूरिया का 45 किलो का कट्टा, जिसकी सरकारी कीमत ₹266.50 तय है,
उसे ₹340 तक बेचा जा रहा है। इसी तरह 50 किलो एनपीके खाद, जिसका मूल्य ₹1850 निर्धारित है,
उसे ₹2000 में बेचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष अच्छी बारिश के चलते खेती का रकबा बढ़ गया है, जिससे खाद की मांग स्वाभाविक रूप से अधिक है।
ऐसे में समिति की यह मनमानी किसानों की परेशानी बढ़ा रही है।
कई किसान तो अधिक दाम सुनकर खाली हाथ वापस लौट रहे हैं।
🌾 खेतों में बढ़ती खाद की जरूरत
धान, मक्का और सब्जियों जैसी फसलों में इस समय यूरिया और एनपीके की भारी मांग रहती है।
किसानों का कहना है कि उन्हें आवश्यक खाद समय पर और सरकारी दरों पर नहीं मिल पा रहा।
कई स्थानों पर समिति कर्मचारियों द्वारा किसानों को जबरन सल्फर खाद भी दिए जाने की शिकायतें मिली हैं।
🧾 समिति कर्मियों पर मनमानी के आरोप
किसानों ने बताया कि सहकारी समिति को सरकार द्वारा ट्रैक्टर भी उपलब्ध कराया गया है,
लेकिन समिति के कार्मिक उसका उपयोग भी मनमाने ढंग से कर रहे हैं।
किसानों के अनुसार, बाजार में एक बीघा जोतने का रेट ₹300 है,
जबकि समिति कर्मचारी ₹350 की मांग कर रहे हैं और कम रेट पर काम करने से इनकार करते हैं।
📢 किसानों ने की प्रशासन से जांच की मांग
किसानों ने जिला प्रशासन और सहकारी विभाग से मांग की है कि
ग्राम सेवा सहकारी समिति लाडपुरा की पूरी जांच करवाई जाए,
ताकि खाद वितरण में पारदर्शिता लाई जा सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को राहत देने के लिए सस्ते दरों पर खाद उपलब्ध करवाती है,
लेकिन समिति स्तर पर चल रही कालाबाजारी उस उद्देश्य को विफल कर रही है।


