ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल|चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार उपखंड की पुठोली ग्राम पंचायत में चल रहे अवैध मिट्टी खनन का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि एक ओर मामला उजागर होता हुआ दिखाई दे रहा हैं। ग्राम पंचायत द्वारा पिछले एक दशक में आवासीय भूखंडों के नाम पर जारी किए गए पट्टों में जम कर बंदरबांट की गई। यही नही केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वंचित तबके के लोगों को आवंटित किए जाने वाली आवासीय योजना में जम कर खेल खेला गया। लेकिन कई ऐसे जरूरतमंद ऐसे भी है, जिन्हें उनके अधिकारों से अभी तकवंचित ही रखा गया हैं।
आवासीय भूखंडों के पट्टों में हुई अनियमितता:
गंगरार उपखंड क्षेत्र की पुठोली ग्राम पंचायत में पिछले डेढ़ दशक में जारी किए गए आवासीय पट्टों में जम कर अनियमितताएं की गई है। जानकार सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने जरूरतमंदों के स्थान पर ऐसे लोगों को आवासीय भूखंडों के पट्टे जारी कर दिए, जो इसके लिए पात्र व्यक्ति ही नही थे। जानकारों की माने तो कुछ अपात्र तो ऐसे भी थे, जिनके पास पहले से ही उनके आवास बनें हुए है।
नही रखा भौगोलिक स्थिति का ध्यान:
ग्राम पंचायत द्वारा जारी किए गए आवासीय पट्टों को देखे तो इन्हें जारी करते समय ग्राम पंचायत ने क्षेत्र को भौगोलिक स्थिति का भी ध्यान नही रखा। जानकार सूत्रों की मानें तो पंचायत ने पहाड़ी और अन्य ऐसे स्थानों के पट्टे जारी कर दिए, जहाँ आवासीय या व्यवसाईक पट्टे जारी ही नही किये जा सकते।
आवासीय भूखंडों पर अवैध खनन:
पुठोली ग्राम पंचायत द्वारा जारी किए गए भूखंडों पर पट्टाधारियों ने अपनी मनमर्जी से मिट्टी का अवैध दोहन कर उसे ऊँची कीमत पर बेच दिया। ऐसा भी नही है कि इस मामले के जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को नही है, लेकिन जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के कारण जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्य को पूरा झरने में आनाकानी कर रहे। सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है कि जनप्रतिनिधियों और ग्राम पंचायत के सचिव की इसमें अहम भूमिका है।
अब फोन उठाने से भी परहेज:
मिट्टी के अवैध खनन सहित पट्टों में हुई बंदरबांट जैसे मामलों को लेकर जब पुठोली ग्राम पंचायत के सचिव से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो एक बारगी उन्होनें मामले की जानकारी नही होने की बात कह कर मामले को टाल दिया। साथ ही अब फोन उठाने से भी परहेज करते दिखाई दे रहे है।ऐसे में पूरे मामले में पंचायत प्रशासक और कार्मिकों की भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है।


