अकलंक शोध संस्थान में प्राचीन पाण्डुलिपियों के संरक्षण को बताया भारत की अमूल्य धरोहर
अकलंक–निकलंक की प्रेरक कथा सुनाई,भोजन के समय मोबाइल और टीवी से दूर रहने का संकल्प दिलाया,
कोटा।स्मार्ट हलचल|परम पूज्य आचार्य 108 श्री प्रज्ञासागर जी मुनिराज ने शुक्रवार प्रातः नसियां दादाबाड़ी दिगंबर जैन मंदिर से विहार कर बसंत विहार दिगंबर जैन मंदिर में मंगल प्रवेश किया। प्रातःकालीन शांतिधारा एवं अभिषेक के उपरांत आचार्य श्री ने अकलंक शोध संस्थान का अवलोकन किया तथा वहाँ संरक्षित प्राचीन पाण्डुलिपियों के संरक्षण कार्य की सराहना की।
एसोसिएशन के अध्यक्ष पीयूष बज ने बताया कि संस्थान में सैकड़ों वर्ष पुरानी दुर्लभ पाण्डुलिपियों का संग्रह है, जिनमें अधिकांश ग्रंथ प्राकृत एवं संस्कृत भाषा में हैं। यह भारत की अमूल्य आध्यात्मिक धरोहर का संरक्षण है। इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि “ऐसे कार्यों से संस्कृति अमर रहती है; स्वर्ग में भी महात्मा इस पुण्य प्रयास पर आशीर्वाद दे रहे होंगे।”
धर्मसभा में आचार्य प्रज्ञासागर जी ने अकलंक और निकलंक दो भाइयों की प्रेरणादायक कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि बाल्यकाल से जैन संस्कारों में रचे-बसे इन भाइयों ने धर्म की रक्षा हेतु अपना जीवन समर्पित कर दिया। अकलंक को एक बार में पाठ याद हो जाता था, जबकि निकलंक को दो बार में—इसलिए उन्हें “एकपाठी” और “दोपाठी” कहा गया। बौद्ध आचार्यों से गूढ़ अध्ययन कर उन्होंने तर्कशास्त्र में अद्वितीय विद्वता प्राप्त की। जब उनके जैन धर्म प्रेम का खुलासा हुआ तो शत्रुओं ने मृत्यु दंड का आदेश दिया।
निकलंक ने अपने भाई अकलंक को सुरक्षित रखकर स्वयं बलिदान दे दिया, ताकि धर्म प्रचार का कार्य जीवित रह सके। आचार्य श्री ने कहा—“सच्चा त्याग, निष्ठा और धर्म के प्रति अटूट आस्था ही जीवन को सार्थक बनाती है। विपरीत परिस्थितियों में बुद्धि और विवेक से कार्य करना ही सच्चा धर्म है।”
इस अवसर पर गुरुदेव ने उपस्थित जनों को यह संकल्प दिलाया कि “भोजन के समय मोबाइल और टीवी से दूर रहें।” उन्होंने कहा, “भोजन केवल शरीर नहीं, मन और आत्मा के लिए भी आवश्यक साधना है; उसे एकाग्रता से ग्रहण करना चाहिए।”
धर्मसभा में सकल जैन समाज के कार्याध्यक्ष जे के जैन,नरेश जैन वेद,महिल प्रकोष्ठ अध्यक्ष निशा जैन वेद,गुरू आस्था परिवार के अध्यक्ष लोकेश जैन,एसो.सचिव अनिमेष जैन,राजकुमार जैन,विमल जैन वद्र्धमान,पारस जैन,अर्पित सर्राफ, कपिल आगम, नितेश जैन,शेलेन्द्र जैन, त्रिलोक जैन, मिलाप अजमेरा, विकास मजीतिया, अर्पित सराफ, अनिल दौराया, सहित कई लोग उपस्थित रहे।
महावीर नगर विस्तार योजना जैन मंदिर में मंगल प्रवेश
महावीर नगर विस्तार योजना दिगंबर जैन मंदिर में शनिवार, 8 नवम्बर 2025 की प्रातः बेला में आचार्य श्री 108 प्रज्ञासागर जी मुनिराज का भव्य मंगल प्रवेश होगा। समिति अध्यक्ष पवन ठोला एवं महामंत्री पारस जैन ने बताया कि विहार प्रातः 7 बजे बसंत विहार जैन मंदिर से आरंभ होगा, जो तीन बत्ती और संतोषी नगर मार्ग से होते हुए विस्तार योजना जैन मंदिर पहुंचेगा।
गुरुदेव की अगवानी में समाजजन गाजे-बाजे के साथ विहार यात्रा में सम्मिलित होंगे। मंदिर पहुंचने पर मुनि संघ के सान्निध्य में 108 थालों से पद प्रक्षालन कर भव्य स्वागत किया जाएगा।


