(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी। स्मार्ट हलचल|जब मेहनत जुनून बन जाए और समर्पण कर्तव्य में ढल जाए, तब सफलता अपने आप कदम चूमती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया वाराणसी रेल मंडल की उस जांबाज़ टीम ने, जिसने बनारस रेलवे स्टेशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के शुभारंभ जैसे ऐतिहासिक आयोजन को अपनी मेहनत, एकजुटता और लगन से सफलता के शिखर तक पहुंचाया।
शनिवार को मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के भारतेन्दु सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में मंडल रेल प्रबंधक आशीष जैन ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किया। समारोह में अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) अजय सिंह, अपर मंडल रेल प्रबंधक (ऑपरेशन) अशोक कुमार वर्मा, सभी शाखा अधिकारी और आयोजन से जुड़े कर्मचारी मौजूद रहे।
डीआरएम आशीष जैन ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की सफलता किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे वाराणसी मंडल की टीम भावना और प्रतिबद्धता का परिणाम है। उन्होंने कहा, “हम सबने मिलकर जो किया, वह केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि भारतीय रेल की कार्यकुशलता, अनुशासन और सेवा भाव का प्रदर्शन था। यह गर्व का क्षण है कि हमारे कार्य की सराहना न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री ने की, बल्कि विभिन्न जोनों ने भी हमारे प्रयासों को उदाहरण बताया।”
डीआरएम ने कहा कि जब स्टेशन पर दिन-रात काम चल रहा था, तो टीम के हर सदस्य ने अपनी जिम्मेदारी को सर्वोपरि रखा। देर रात तक जागना, समय सीमा में तैयारी पूरी करना, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हुए काम करना—ये सभी बातें साबित करती हैं कि वाराणसी मंडल की टीम सिर्फ कर्मचारी नहीं, बल्कि सच्चे कर्मयोगी हैं।
उन्होंने आगे कहा, “आप सबका जुनून, अनुशासन और बारीकियों पर ध्यान इस आयोजन की रीढ़ रहा। स्टेशन की सफाई से लेकर मंच की साज-सज्जा, तकनीकी व्यवस्थाओं से लेकर सुरक्षा तक, हर स्तर पर आपने पेशेवर दक्षता और दिल से काम किया। यही कारण है कि यह आयोजन आज भी भारतीय रेल के लिए एक आदर्श उदाहरण बन चुका है।”
डीआरएम ने यह भी कहा कि इस आयोजन की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि जब टीम में एकता, विश्वास और संकल्प होता है, तब हर कठिनाई आसान बन जाती है। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की कि वे भविष्य में भी इसी जोश, लगन और निष्ठा के साथ कार्य करते रहें।
उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि केवल सम्मान का विषय नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। हमें इस ऊर्जा को आगे के प्रोजेक्ट्स में भी बनाए रखना होगा, ताकि वाराणसी मंडल हमेशा अग्रणी बने।”
कार्यक्रम के अंत में डीआरएम ने आयोजन में शामिल कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए कहा, “आप सबका यह प्रयास भारतीय रेल की साख और सम्मान को नई ऊंचाई पर ले गया है। यह सफलता आपकी मेहनत, आपके समर्पण और आपके दिल से किए गए कार्य का परिणाम है।”
जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि डीआरएम के इस सम्मान समारोह से कर्मचारियों का उत्साह और मनोबल कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी मंडल आने वाले समय में और भी नई उपलब्धियों की कहानी लिखने के लिए तैयार है।
वास्तव में, वाराणसी मंडल की यह सफलता केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उस कर्मयोगी भावना का प्रतीक है जिसने यह साबित किया—जब इरादे मजबूत हों, तो सीमाएँ भी सलाम करती हैं।


