करोड़ों की लागत की चम्बल परियोजना का लाभ भी नहीं मिल रहा
गुरलां:- भीलवाड़ा जिले की ग्राम पंचायत गुरलां में जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन बनी पानी की टंकी लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद पानी नहीं मिल रहा हैं। इन टंकियों का निर्माण शुद्ध पेयजल व ‘हर घर जल’ योजना के अंतर्गत किया गया था, लेकिन ग्रामीण आज भी पीने के पानी के लिए गांव के पास ही 1100 से ऊपर टिडिएस का फ्लोराइड युक्त पानी के कुएं पर निर्भर हैं।
ग्रामीणों के अनुसार जब से ये टंकी बनकर तैयार हुई हैं, तब से आज तक एक बूंद पानी भी नलों में नहीं आया है। जिससे ग्रामीण को फ्लोराइड युक्त पानी पी रहे है* कई घरों के पास अभी तक पाइपलाइन नहीं होने से 100-150 फिट नल की पाइप के माध्यम से कनेक्शन ले रखा जबकि जिन घरों में कनेक्शन दिए गए हैं, जो गांव पहाड़ी पर स्थित है वहां के लोग पानी आने का इंतजार कर रहे हैं।
पीएचईडी विभाग ने इस टंकी निर्माण को दो माह पहले हो चुका ।साथ ही पानी के लिए बोरवेल खोदे गए जिसमें पानी नहीं आया बताया जा रहा है जिसके बाद तालाब किनारे पास ही पेयजल कुएं से पानी से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है परन्तु इस पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है
ग्रामीणों ने बताया कि जो टंकी का निर्माण किया उस से कुछ दूरी पर मीठे पानी का कुआं है जिससे पाइप लाइन जोड़ कर टंकी भर कर ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जा सकता है
भीलवाड़ा जिले की महत्वपूर्ण चम्बल परियोजना का पानी भी गुरलां के ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है जिससे गुरलां बस स्टैंड पर फ्लोराइड युक्त पानी के कुएं से पानी की सफ्लाई की जा रही है जिससे लोगों को फ्लोराइड युक्त पानी की बिमारियों से ग्रसित हो रहे हैं
उल्लेखनीय है कि राज्य की पेयजल योजना एवं स्वच्छता मिशन राजस्थान पेयजल योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, इस मिशन का लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में व्यक्तिगत नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित, फ्लोराइड मुक्त और पर्याप्त पीने का पानी उपलब्ध कराना है। परन्तु गुरलां के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है
ग्रामीणों की मांग की निर्माणाधीन टंकी में सरकारी पेयजल आपूर्ति के कुएं से पाइपलाइन व चम्बल परियोजना से टंकी में पानी भर कर गांव में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें और साथ ही गुरलां में चम्बल परियोजना के पानी पहुंचाने का ठोस कदम उठाए ।


