सराड़ा पंचायत समिति में निर्माण में गड़बड़ी — 6 इंच की जगह 3 इंच सीसी, 40 लाख की सड़क एक साल में उखड़ी
सलूंबर। सराड़ा पंचायत समिति के अंतर्गत ग्राम पंचायत बाणा कला में किए गए सीसी ढकाव निर्माण कार्यों में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो और स्थानीय तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिनमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि स्वीकृत 6 इंच मोटी सीसी की जगह केवल 3 इंच मोटी सीसी डाली जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह कमी सिर्फ तकनीकी लापरवाही नहीं, बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग और जांच की असमर्थित निगरानी का परिणाम है। विरोध-प्रदर्शन और हंगामे के बाद संबंधित अधिकारियों ने मौके पर आकर निर्माण कार्य को रुकवा दिया है।
एक और गंभीर शिकायती पहलू में बताया गया कि करीब ₹40,00,000 (करीब चालीस लाख) की लागत से बालाजी मंदिर, बाणा कला से नहर किनारे होते हुए बाणा खुर्द तक बनी सीसी सड़क महज एक वर्ष में उखड़ गई। स्थानीय लोगों का दावा है कि घटिया सामग्री और निरीक्षण की कमी ने सड़क को टिकाऊ नहीं रहने दिया।
“जब लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हों और सड़क साल भर भी न टिक पाए—तो जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।” — स्थानीय ग्रामीण
ग्राम पंचायत बाणा कला की सरपंच ने अपनी सफाई में कहा है कि निर्माण कार्य नियमों के अनुसार और निर्धारित गुणवत्ता के साथ करवाया गया था और कुछ लोग राजनीतिक कारण से अफवाह फैला रहे हैं। हालांकि वायरल तस्वीरें एवं वीडियो इस दावे को चुनौती देते दिखते हैं।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि जिला प्रशासन स्वच्छ निष्पक्ष जांच कराए, निर्माण सामग्री व मोटाई की मापशास्त्रीय जाँच करवाई जाए और यदि लापरवाही सिद्ध होती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।
स्थिति अभी: मामले से संबंधित वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं; प्रशासन ने प्रारम्भिक तौर पर निर्माण रोक दिया है। स्वतंत्र तकनीकी जांच के बाद ही दोषी तय किए जा सकते हैं।
क्या होगा अब?
- स्थानीय लोग जिलाधिकारी व विकास खंड कार्यालय से स्वतः जांच की मांग करने वाले हैं।
- यदि जांच से अनियमितता सिद्ध होती है तो धन व जनहित के नुकसान की भरपाई तथा निर्माण में संलिप्त अधिकारियों/ठेकेदारों के खिलाफ अनुशासनात्मक एवं आपराधिक कार्रवाई की संभावना है।
यह रिपोर्ट वायरल फुटेज, स्थानीय निवासियों के बयानों और ग्राम पंचायत से प्राप्त जवाव के आधार पर तैयार की गई है।


