शाहपुरा। मूलचन्द पेसवानी
रामस्नेही संप्रदाय की संवैधानिक एवं परंपरागत व्यवस्थाओं पर व्यापक चिंतन के लिए शाहपुरा स्थित मुख्य पीठ रामनिवास धाम में 15 नवम्बर 2025 से 20 नवम्बर 2025 तक पांच दिवसीय विशेष शिविर आयोजित किया जा रहा है। यह शिविर श्री भंडारीजी महाराज की आज्ञा एवं निर्देशन में रखा गया है। धाम से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस शिविर में संप्रदाय से जुड़े प्रमुख विषयों पर संतों, सद्गृहस्थों, प्रतिनिधियों तथा परंपरागत रामस्नेही परिवारों से मौखिक और लिखित दोनों रूपों में विचार आमंत्रित किए गए हैं।
संप्रदाय की मूल परंपराओं पर होगा विशद मंथन–
शिविर में चर्चा के मुख्य बिंदुओं में क्षेत्रीय रामद्वारों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी, उनकी व्यवस्थाएं, परंपरा, सुरक्षा एवं प्रबंधन प्रमुख रूप से शामिल हैं। रामद्वारा परिसर में स्थायी रूप से रहने वाले संतों तथा समय-समय पर प्रवास करने वाले संतों के संबंध में भी विस्तृत समीक्षा की जाएगी। साथ ही रामद्वारा में प्रतिदिन आने वाले सदगृहस्थ, भिक्षुक, यात्रियों और भक्तों की संख्या, उनकी आस्था और सहभागिता पर भी चर्चा प्रस्तावित है।
परंपरागत रामस्नेहियों से पुनः जुड़ाव पर विचार–
धाम ने स्पष्ट किया है कि ऐसे परंपरागत रामस्नेही भाई-बहनों की सूची एवं कारणों पर भी विचार होगा जो वर्षों तक रामद्वारा की गतिविधियों में सक्रिय थे, परंतु अब किसी न किसी कारणवश दूर हो गए हैं। शिविर में प्रतिनिधि इस वर्ग को पुनः संप्रदाय से जोड़ने, उनसे संवाद बढ़ाने और परंपरा को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने के उपाय सुझाएंगे।
संतदृगृहस्थों की घटती संख्या भी चिंता का विषय–
रामस्नेही संप्रदाय में संतों एवं गृहस्थ साधकों की संख्या में हो रही कमी को एक गंभीर चिन्ता के रूप में लेते हुए शिविर में इस विषय पर गहन विमर्श किया जाएगा। संप्रदाय के मूल आधारकृ सुमिरन, साधना और सेवाकृ में आई शिथिलता भी चर्चा का केंद्रीय बिंदु होगा। परंपरा के विस्तार, युवाओं की भागीदारी बढ़ाने तथा आध्यात्मिक जीवन को अधिक सक्रिय बनाने के सुझाव मांगे गए हैं।
रामनिवास धाम का महत्व और फूलडोल महोत्सव की परंपरा–
धाम से जुड़ी जानकारी के अनुसार रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ रामनिवास धाम शाहपुरा है, जहां प्रतिवर्ष होली पर भव्य पांच दिवसीय फूलडोल महोत्सव का आयोजन होता है। यह आयोजन संप्रदाय की पहचान एवं आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है।
जगतगुरु स्वामी आचार्यश्री रामदयालजी महाराज होंगे शिविर में उपस्थित-
महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी आचार्यश्री रामदयालजी महाराज इस शिविर अवधि में शाहपुरा धाम में बिराजित रहेंगे। उनकी उपस्थिति में होने वाला यह पर्व संप्रदाय की आध्यात्मिक ऊर्जा को और अधिक सशक्त बनाने वाला माना जा रहा है।


