थानाधिकारी ने अनाथ बेटी के ब्याह में भरा 71 हजार का मायरा
पुलिस ने बेटी का संबल बनकर समाज के लिए एक मिसाल पेश की
(हरिप्रसाद शर्मा )
अजमेर.स्मार्ट हलचल|समाज में पुलिस को जहां सख्त और अनुशासनप्रिय माना जाता है, वहीं जिले के पीसांगन थाने के थानाधिकारी प्रहलाद सहाय ने मानवीय संवेदनाओं का परिचय देकर यह साबित कर दिया कि खाकी सिर्फ कानून व्यवस्था संभालने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों को निभाने के लिए भी तत्पर है।थानाधिकारी प्रहलाद सहाय व उनकी पुलिस टीम गुरुवार को पीसांगन क्षेत्र के पगारा गांव पहुंचे, जहां अनाथ बेटी सुमित्रा का विवाह संपन्न हो रहा था। सुमित्रा के मायके पक्ष से कोई नहीं था, ऐसे में पुलिस ने बेटी का संबल बनकर समाज के लिए एक मिसाल पेश की। थानाधिकारी प्रहलाद सहाय ने सुमित्रा के विवाह में मायरे की रस्म निभाते हुए 71,751 रुपये का मायरा भरा। पुलिस की इस मानवीय पहल की पूरे इलाके में प्रशंसा हो रही है।
मायरे की रस्म के दौरान महंत श्याम बोहरा, पगारा प्रशासक रामदेव गुर्जर, गोविंदगढ़ प्रशासक जगपाल सिंह शक्तावत, रामपुरा डाबला प्रशासक प्रतिनिधि ओमप्रकाश चौधरी, जसवंतपुरा के पूर्व सरपंच पप्पूराम कुमावत, भाजपा नेता उदाराम कुमावत समेत पुलिस टीम मौजूद रही। सभी ने थानाधिकारी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम समाज में पुलिस की छवि को और अधिक संवेदनशील और मानवीय बनाता है।
थानाधिकारी प्रहलाद सहाय ने कहा कि पुलिस सिर्फ अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए नहीं, बल्कि समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए भी हमेशा तैयार रहती है। बेटी का विवाह समाज का सबसे बड़ा संस्कार है और इसमें योगदान देना हमारा कर्तव्य है।
इस मौके पर ग्रामीणों ने पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि आज खाकी ने वाकई मानवीयता की मिसाल पेश की है। थानाधिकारी की इस पहल से न केवल सुमित्रा के परिवार को संबल मिला, बल्कि पूरे क्षेत्र में यह संदेश गया कि पुलिस जनसेवा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रही है।


