कृर्षि उपज मंडी समिति टोंक में हुई किसानों की बैठक दिल्ली कूच का लिया निर्णय
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने किया किसानों से आह्वान
राजाराम लालावत
टोंक/स्मार्ट हलचल/न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून पर आंदोलन के क्रम में 11 मार्च सोमवार को 500 से अधिक ट्रैक्टर पहुंचेंगे।न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का कानून मुख्यमंत्री नहीं बनाते तों दिल्ली कूच होंगा।न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए टैक्टर ट्राली रैली के लिए जयपुर में – स्थान उपलब्ध कराने के लिए पुलिस कमिश्नर जयपुर को प्रेषित किया गया है।गिरफ्तारी से छूटते ही किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट एवं उनकी टीम आन्दोलन के लिए प्रदेश भर में जुटी तैयारी में। राज्यव्यापी 11 दिवसीय जागरण अभियान की घोषणा करने के उपरांत अराई पहूंच कर किसानों के साथ बैठक आयोजित हुई।जिसमें किसानों द्वारा दिल्ली सीमा पर चल रहे एमएसपी गारंटी कानून के आन्दोलन में भाग लेने के लिए
पूर्व में 21 फरवरी को टैक्टर ट्राली द्वारा किसानों का कूंच आरम्भ हुआ जिसमें टोंक जिले से 106 ट्रैक्टरों के द्वारा जयपुर कुंच किया गया था, जिन्हें पुलिस थाना बरोनी के क्षेत्र में रोकने पर पड़ाव डाला गया,जो रात के 12:30 बजे तक चला था।किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट एवं अजमेर जिले के महामंत्री रामेश्वर कटसूरा की गिरफ्तारी के कारण 21 फरवरी को अजमेर जिले से ट्रैक्टर कूच नहीं हो सका था।अब वही कूच 11 मार्च सोमवार को अजमेर जिले से आरंभ होगा जिसमें अजमेर,दूदू एवं जयपुर जिले के किसान ट्रैक्टर से जयपुर पहुंचेंगे।इसके लिए पुलिस कमिश्नर जयपुर को स्थान उपलब्ध कराने के लिए युवा प्रदेश महामंत्री पिंटू यादव एडवोकेट द्वारा आवेदन प्रेषित कर दिया गया है।राजस्थान के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के कानून हेतु आर पार की लड़ाई की घोषणा की हुई है इस हेतु ट्रैक्टरों से जयपुर पहुंचने का किसानों का संकल्प अटल है।यदि इस प्रकार के आंदोलन को सरकार ने दबाने या कुचलने या रोकने का तानाशाही ढंग से प्रयास किया तो राजस्थान के 45,000 गांव को बंद का आवाहन किया जायेगा।इस अवसर पर किसान अपने गांव में ही रहेंगे।आपातकालीन स्थिति को छोड़कर कोई यात्रा नहीं करेगा । जिनको अनाज, दूध एवं सब्जी जैसे सामान चाहिए तो उन्हें गांव में आकर ले जाने होंगे।इस क्रम में 22 फरवरी को शहीद स्मारक किसान महापंचायत के पदाधिकारी ने धरना आयोजित कर सरकार को संकेत दे दिया।उल्लेखनीय है की राजस्थान कृषि उपज मंडी 1961 एवं राजस्थान कृषि उपज मंडी 1963 में संशोधन के द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामो में क्रय विक्रय को रोकने के लिए मंडियों में नीलामी बोली न्यूनतम समर्थन मूल्य से आरम्भ कर किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्राप्ति की सुनिश्चित्ता के लिए राजस्थान राज्य कानून बना सकता है।इसी के लिए भारत सरकार द्वारा 17 वर्षो के विचार मंथर ले उपरांत आदर्श कृषि उपज एवं पशु धन विपणन (सुविधा एवं सवर्धन) अधिनियम 2017 का प्रारूप तैयार कर वर्ष 2018 में सभी राज्यों को प्रेषित कर दिया था।उसी के आधार पर राजस्थान में वर्ष 2018 में विधेयक का प्रारूप तैयार हो गया था जो सरकार की आलमारी में बंद है।
लोकसभा प्रभारी भरतराज मीना, युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, ईसरदा डूब क्षेत्र अध्यक्ष जमनालाल माली,उपाध्यक्ष सीताराम खादवाल,प्रचार-प्रसार मंत्री राधेश्याम गोहरपुरा,भगवान,रामलाल डारडा हिन्द,प्रहलाद कीर रायपुरा, बद्री पटेल, हरिराम आदि मौजूद रहे।