भीलवाड़ा । आज 8 मार्च दिन शुक्रवार को महाशिवरात्रि है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में महाशिवात्रि का व्रत रखने का विधान है. आज सभी शिवालयों में भक्तों की अपार भीड़ है. आज भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के दौरान भांग, बेलपत्र धतूरा, बैर सहित अन्य सामग्री को प्रसाद में रूप में चढ़ाते हैं. आज महाशिवरात्रि पूजा चार पहर में होगी. आज भगवान शिव की पूजा पहले पहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घी और चौथे में शहद से की जाती है. हर पहर में जल का प्रयोग जरूरी है. आइए जानते है चार प्रहर का मुहूर्त और पूजा विधि-
महाशिवरात्रि पर बन रहा शिव योग
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज है. महाशिवरात्रि पर शिव जी की पूजा चतुर्दशी तिथि में प्रदोष काल में की जाती है. आज महाशिवरात्रि की पूजा का समय शाम के समय 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है. महाशिवरात्रि व्रत पूजा प्रदोष काल में प्रारंभ की जाती है, इस विशेष दिन पर शिवयोग बन रहा है जो मध्य रात्रि 12 बजकर 05 मिनट तक रहेगा और इसके बाद सिद्धयोग शुरू हो जाएगा.
चार प्रहर का मुहूर्त इस प्रकार है-
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रात: 03 बजकर 34 मिनट से सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक
- निशिता काल मुहूर्त – रात में 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
- व्रत पारण समय – सुबह 06 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
- महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्यक्ति इस दिन सात्विक भोजन व फल आदि का सेवन करें.
- महाशिवरात्रि पर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें.
- पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें.
- चारों प्रहर की पूजा में शिवपंचाक्षर मंत्र यानी ऊं नम: शिवाय का जाप करें.
- महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें.
- महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ को भोग लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.
महाशिवरात्रि पर पूजन सामग्री
महाशिवरात्रि की पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, गाय का कच्चा दूध, चंदन, रोली, कपूर, केसर, दही, घी, मौली, अक्षत (चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कनेर पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल, कलश इत्यादि पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है.