त्योहारों का यह मौसम सबके दिल को बहुत भाता है। अच्छी-अच्छी शॉपिंग के साथ-साथ अच्छे खानपान में खुशी से भर देते हैं।
फेस्टिव सीजन में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है, खासकर जब लोग अधिक मात्रा में तले हुए, मसालेदार और अधिक कैलोरी वाले खाने का सेवन करते हैं, साथ चीनी का भी अधिक मात्रा में सेवन करते हैं। निम्नलिखित कुछ सावधानियां हार्ट पेशेंट को फेस्टिव सीजन के दौरान जरूर ध्यान रखना चाहिए।
हालांकि, हेल्थ विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि त्योहार जितने सुंदर और मनभावन लगते हैं, स्वास्थ्य के लिए यह उतने ही खतरनाक साबित होते हैं। इन दिनों कोई भी अपनी डाइट, एक्सरसाइज का ध्यान नहीं रखता है। ऐसे में, जरूरी है कि हार्ट के मरीज अभी से अपनी हेल्थ का ध्यान रखें।होली हो, चाहे कोई त्यौहार उसमें मीठे से लेकर नमकीन तक कई तरह के पकवान बनते हैं। होली के त्योहार में भी ऐसा ही है, गुजिया से लेकर पापड़ तक सभी कुछ डीप फ्राई होता है। ये सभी चीजें खाने में अच्छी तो बहुत लगती है, लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव बढ़े हुए बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल के रूप में देखने को मिलता है। इसलिए त्योहारों के बीतने के बाद हार्ट अटैक के केस ज्यादा सुनने को मिलते हैं।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, जो पहले से ही हार्ट के मरीज हैं, अगर फेस्टिवल के दौरान उनकी डाइट बिगड़ जाती है, तो उनमें अटैक का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। डीप ऑयल फूड के सेवन से मोटापा भी बढ़ने लगता है, जिससे अटैक या और भी कई बीमारियों के होने का रिस्क भी बढ़ता है। इसलिए आप, हार्ट के मरीज खासतौर पर कुछ बातों का ध्यान रखें,
शुगर और सॉल्ट सीमित मात्रा में खाएं
अगर आप हार्ट के मरीज हैं, तो किसी भी तरह की अनहेल्दी डाइट से बचें। इसके अलावा, जो भी खा रहे हैं, यह ध्यान रखें कि शुगर और सॉल्ट की मात्रा सीमित रहे। आपको बता दें कि शुगर और सॉल्ट का इनटेक ज्यादा लेने से मोटापा और डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। इस तरह की समस्या से हार्ट डिजीज के होने की आशंका में भी इजाफा हो सकता है।
मौजूदा दिनों में प्रदूषण का बढ़ता स्तर सही नहीं है। इससे हर व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। यहां तक कि स्वस्थ व्यक्ति को सांस से जुड़ी समस्या हो सकती है। वहीं, अगर हार्ट के मरीजों की बात करें, तो उनके लिए यह माहौल सही नहीं है। इसके अलावा, दिवाली जैसा त्योहार भी हार्ट के मरीजों के लिए सही नहीं माना जाता है। दिवाली में पटाखे जलाए जाते हैं, जिससे नॉयस पल्यूशन होता है। अचानक आने वाली तेज आवाज से हार्ट के मरीजों में एंग्जायटी बढ़ा सकती है, जो कि ब्लड प्रेशर के स्तर को बढ़ा सकता है। इससे कार्डियक अरेस्ट या स्ट्रोक भी हो सकता है। इसलिए, हार्ट के मरीज जितना संभव हो, इन दिनों घर में रहें। घर से बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर जाना ही हो, तो मास्क पहनकर निकलें।
फेस्टिव सीजन में ज्यादातर लोग ऐसी चीजें खाते हैं, जिसमें काफी ज्यादा फैट होता है। हार्ट के मरीजों के लिए फैट सही नहीं होता है। शरीर में बढ़ते फैट की वजह से हार्ट डिजीज होने का रिस्क रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि आप अपनी डाइट में नजर जरूर रखें। अनहेल्दी फैट को अपनी डाइट से बिल्कुल दूर रखें।
सामान्य दिनों में भी हार्ट के मरीजों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन, कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं। आपको बता दें कि बहुत अधिक शराब पीने से ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ सकता है। इससे हार्ट अटैक आने और ब्लड प्रेशर के बढ़ने का रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। यह स्थिति सही नहीं है।
हार्ट के मरीजों को इन दिनों अपनी हेल्थ को लेकर जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। यह बात हर कोई जानता है कि न चाहते हुए भी इन दिनों ऑयली फूड, स्पाइसी फूड, मीठा और सॉल्ट की मात्रा डाइट में बढ़ जाती है। इनसे दूर रहना संभव नहीं हो पाता है। ऐस में अगर आप दवाईयां भी समय पर नहीं लेंगे, तो इससे हेल्थ बिगड़ सकती है।
त्योहारों के दौरान ओवर ईटिंग तो हो ही जाती है, न चाह कर के भी ऐसा हो जाता है। अगर आप ऑयली फूड या ओवर ईटिंग के शिकार हो भी जा रहे हैं, तो बैलेंस करने के लिए कोशिश करें कि एक टाइम सलाद या डिटॉक्स ड्रिंक का सेवन करें।
पर्याप्त नींद
त्योहारों के सीजन में अक्सर लोगों की चहलपहल बहुत ज्यादा बनी रहती है। इस वजह से शोर-शराबा भी बहुत होता है। दिवाली के दिन खासकर पटाखों की आवाज देर तक आती रहती है। इस तरह का माहौल हार्ट के मरीजों के लिए सही नहीं है। हार्ट के मरीजों को पर्याप्त मात्रा में नींद लेनी चाहिए। नींद की कमी की वजह से कोरोनरी आर्टरी डिजीज हो सकता है और कार्डियोवस्कुलर डिजीज हो सकता है। इसलिए, कोशिश करें की हर हाल में कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें।