Red lines on rear glass of car:आज के समय में कार से सफर करना आम बात हो गई है। वो चाहें आपकी पर्सनल कार (Car) हो या किराए की, लेकिन कई चीज ऐसी है जो आप नहीं जानते हैं। कार के पीछे के शीशे में रेड लाइन (Red Line) क्यों होती है। ये लाइन्स सभी कारों में नहीं होती सिर्फ़ कुछ कारों में ही दी गई होती है। आख़िर ऐसा क्यों होता है और कंपनियां लाल रंग ही पीछे दे रही होती है? आज की ख़बर में हम आपको बताने वाले हैं।
दुर्घटना से बचने में मिलती है मदद
ऑटो कंपनियां गाड़ी के पीछे के शीशे में रेड लाइंस इसलिए देती हैं, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से पैसेंजर्स को बचाया जा सकें। सर्दियों के दिनों जब गाड़ी के पीछे वाले शीशे पर फॉग जमा हो जाता है और ड्राइवर को पीछे नहीं दिखाई देता है तब वह स्टीयरिंग के पास दिए गए उस बटन को दबा देता है, जिससे पीछे की रेड लाइंस कनेक्ट होती है। उससे वह हिट होने लगती है। क्योंकि उन लाइंस से इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई होती है। गर्म होने से फॉग अपने आप कम हो जाता है और पीछे दिखाई देना शुरु हो जाता है।
कार के रियर मिरर में आने वाली इन लाल लाइनों को डिफॉगर कहा जाता है. इन ये लाल लाइन कार के हिटिंग और कूलिंग सिस्टम से कनेक्ट होती है, जिसके जरिए जरूरत पड़ने पर बैक मिरर को गर्म या ठंडा किया जाता है. ये टेक्नीक कार ड्राइव करने के दौरान बहुत काम आती है.
किस काम में आते हैं Rear Defogger
कार के रियर मिरर में लगे हुए डिफॉगर बहुत काम के होते हैं, सर्दी और बारिश के मौसम में जब कार के रियर मिरर पर फॉग जमा हो जाता है, तो इन लाल लाइनों के जरिए मिरर को हीट किया जाता है और ऐसा करने से पलक झपकते ही फॉग गायब हो जाता है. आपको बता दें अगर किसी कार में डिफॉगर नहीं होता है, तो उसे ड्राइव करने मे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है और ऐसी स्थिति में एक्सीडेंट भी हो सकता है.
किन वेरिएंट में मिलता है Rear Defogger
अमूमन कार कंपनी अपनी कारों के बेस वेरिएंट से ऊपर के मॉडल में डिफॉगर देते हैं, लेकिन कुछ कार कंपनी यूजर्स की जरूरत को ध्यान में रखकर अब बेस वेरिएंट में भी डिफॉगर देना शुरू कर चुकी हैं. अगर आप कोई नई कार खरीदने वाले हैं, तो आपको डिफॉगर के बारे में जरूर जानकारी करनी चाहिए.