Homeराजस्थानकोटा-बूंदी♦प्राचीन सरकारी कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करने का मामला

♦प्राचीन सरकारी कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करने का मामला

♦प्राचीन सरकारी कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करने का मामला

जेईएन ने रिपोर्ट में चेताया था, तत्कालीन आयुक्त ने नही की थी कार्यवाही

जिला कलेक्टर ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट, निर्माणकर्ताओं को जारी किए नोटिस

बून्दी।स्मार्ट हलचल/शहर के खोजा गेट रोड़ पर होटल सुवालका के पास प्राचीन सरकारी कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करने के मामला मीडिया में आने के बाद जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने इसे गम्भीरता से लेते हुए नगर परिषद की कार्यवाहक आयुक्त भावना सिंह से 24 घण्टे में तथ्यात्मक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है। हालांकि आयुक्त ने 24 घण्टे से पूर्व ही मामले से जुड़ी सारी रिपोर्ट कलेक्टर को सौप दी है। प्रथम दृष्टया मामले में तत्कालीन नगर परिषद आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया द्वारा ढिलाई बरतना सामने आ रहा है। उधर कार्यवाहक आयुक्त भावना सिंह ने इस मामले में चार जनो को नोटिस जारी किए है। मामले के मीडिया में आने के बाद नगर परिषद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। वर्तमान आयुक्त के निर्देश पर अतिक्रमण दस्ते कि टीम ने मौके पर जाकर सभी एंगल से वीडियो और फोटोग्राफी की है। नगर परिषद द्वारा करवाई गई फ़ोटोग्राफी में यह स्पष्ट नजर आ रहा है कि निर्माणकर्ताओ ने निर्माण स्वीकृति के विपरीत जाकर ही व्यावसायिक निर्माण किया है। अब आगे जल्द ही कलेक्टर द्वारा ही निर्माणकर्ताओ के विरुद्ध मामले में कोई बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।

♦जेईएन ने रिपोर्ट में चेताया था लेकिन तत्कालीन आयुक्त ने नही की कार्यवाही♦

प्राचीन कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करने के मामले में कार्यवाहक आयुक्त एवं उप जिला कलेक्टर भावना सिंह द्वारा की गई जाँच पड़ताल में प्रथमदृष्टया सामने आया कि नगर परिषद के कुछ पार्षदो ने सबसे पहले इस निर्माण कार्य की शिकायत की थी और बताया था कि निर्माणकर्ता द्वारा प्राचीन कोर्ट को तोड़कर सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया जा रहा है। उसके बाद तत्कालीन आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया ने 4 निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी किए थे। आयुक्त ने मौका रिपोर्ट के लिए निर्माण शाखा के तत्कालीन जेईएन हंसराज मीणा को भेजा था। बाद में जेईएन द्वारा सौपी गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट लिखा गया था कि निर्माणकर्ता निर्माण स्वीकृति के विपरीत निर्माण कार्य कर रहे है। जबकि निर्माण स्वीकृति प्राचीन कोर्ट को छोड़ उससे 6-6 फिट दूर और चारो तरफ एक एक फुट जगह छोड़ते हुए निर्माण कार्य करना था। लेकिन निर्माणकर्ताओ ने मिलीभगत कर सरकारी कोर्ट पर कब्जा कर निर्माण करवा लिया। लेकिन आयुक्त सिसोदिया ने जेईएन की रिपोर्ट को अनदेखा करते हुए निर्माणकर्ता के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की। अगर उस समय कार्यवाही कर दी जाती तो निर्माणकर्ता सरकारी संपत्ति को कब्जाने का दुस्साहस नही दिखाते। अब देखना है कि निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध जिला प्रशासन और नगर परिषद द्वारा सरकारी संपत्ति को कब्जाने के मामले में थाने में मुकदमा दर्ज करवाया जाता है या फिर पहले की तरह मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जायेगा।

♦मामले में इन लोगो को भेजे नोटिस♦

प्राचीन कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करने के मामले में नगर परिषद की कार्यवाहक आयुक्त भावना सिंह ने मुकेश पुत्र खेमचंद निवासी झूलेलाल वाली गली बून्दी, ओम प्रकाश रंगवानी पुत्र अर्जुनदास, मनीष घनवानी पुत्र नेवन्दराम और तरुण छाजेड़ पुत्र भीम सिंह निवासी सदर बाजार बून्दी को मामले में नोटिस जारी किये है।

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प्राचीन कोर्ट को खुर्दबुर्द्ध करना काफी गम्भीर है।मामले में नगर परिषद एकईएन और अन्य अधिकारियों के साथ मामले की फाइल देख रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर साहब को भेज दी है। मामले में 4 जनो को नोटिस जारी किए है। अब जो भी कार्यवाही होगी वो ही करेंगे।

भावना सिंह
उप जिला कलेक्टर एवं कार्यवाहक

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