नई दिल्ली: निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. अदालत ने पूजा को जमानत देने से इंकार कर दिया है. मनरेगा घोटाला मामले में सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी. उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है. बता दें कि उन्हें ईडी ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. उसके बाद से वह जेल में ही बंद है. गिरफ्तारी के बाद झारखंड सरकार ने पूजा सिंघल को निलंबित भी कर दिया था.कोर्ट ने उन्हें पुत्री के इलाज के लिए कुछ दिनों के लिए जमानत दी थी, लेकिन बाद में उन्हें फिर सरेंडर करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद सिंघल ने 12 अप्रैल 2023 को रांची ईडी की विशेष कोर्ट में सरेंडर किया था। तब से वह रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके पति अभिषेक झा भी आरोपी हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत मिली हुई है। पूजा सिंघल ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई थी। उनके वकील ने दलील दी थी कि पूजा सिंघल 585 दिनों से जेल में बंद हैं। ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। उनका स्वास्थ्य लगातार खराब चल रहा है। इसलिए उन्हें जमानत दी जाए।
स्वास्थ्य खराब की बात कह मांगी थी जमानत
उन्होनें अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था खराब बताते हुए जमानत याचिका दाखिल की थी. उनके वकील ने अदालत में 16 मार्च को दलील दिया थी कि पूजा 585 दिनों से जेल में बंद है. ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती है, उन्हें जमानत दी जानी चाहिए. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा था कि वह एक शपथ पत्र दाखिल करे. जिसमें यह बताए कि झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल कितने दिनों से जेल में हैं
साथ ही यह भी बताए कि पूजा को कितने दिनों की अंतरिम जमानत अब तक मिली है और कितने दिनों तक वह रिम्स में रहीं.उसके बाद ईडी के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पूजा सिंघल ने हिरासत अवधि में जेल से ज्यादा समय अस्पताल में बिताया है. वह एक प्रभावशाली महिला हैं. अब तक उन्होंने सिर्फ 231 दिन जेल में बिताए हैं. 303 दिन वह अस्पताल में रही है और अस्पताल में भी उन्हें घूमते देखा जा सकता है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल के वकील से कहा था कि यदि यह सच साबित हुआ तो केस की सुनवाई नहीं की जाएगी.