भीलवाड़ा । जैन धर्म के कठिन तपों में से एक वर्षीतप करने वाले तपस्वी का बुधवार को काशीपुरी स्थित शीतल स्वाध्याय भवन मैं विभिन्न जैन सगठनों द्वारा साध्वी पारस कंवर, साध्वी सुप्रभा मसा, साध्वी प्रतिभा कंवर, साध्वी सुमन प्रभा मसा, साध्वी डॉ चिंतन श्री मसा के सानिध्य में वर्षीतप आराधिका श्रीमती अलका मनीष बंब का बहुमान किया गया।
साध्वी डॉ चिंतन श्री मसा ने फरमाया की जैन धर्म में वर्षीतप को विशेष माना जाता है। इसका सीधा संबंध जैन समाज के प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभदेव आदिनाथ से है। भगवान आदिनाथ को ऋषभ देव के नाम से भी जाता है। वर्षीतप के एक दिन दो पहर ही भोजन ग्रहण किया जाता है। जिसमें एक बार सुबह सूर्यादय के बाद और सूर्यास्त के पूर्व तक ही भोजन किया जा सकता है इसी के साथ साथ व्रत के एक दिन निराहार रहा जाता है। जैन समुदाय में वर्षीतप को सबसे बड़ा तप कहा गया है क्योंकि इस में 1 वर्ष में छह महीने से भी अधिक समयकाल के लिए निराहार रहा जाता है।
जैन सोशल ग्रुप भीलवाड़ा मैन, जेएसजी संगिनी, ऑल इंडिया स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस राष्ट्रीय, प्रांतीय शाखा, सद्भभावना सेवा ट्रस्ट, जैन युवा सेवा संस्थान के पदाधिकारियों ने शाल, माला व स्मृति चिन्ह भेट कर बहुमान किया।
इस दौरान राजेंद्र पुष्पा गोखरू, भागचंद बंब, महेंद्र सिंह छाजेड, राजेंद्र सुराणा, प्रदीप सांखला, पूर्व सभापति मंजू चेचानी, मंजू पोखरना, प्रमोद सिंघवी, दीपक सूर्या, गौरव सुराणा, पुखराज चौधरी, नितिन बाफना, अनिल बापना, अर्पित कोठारी, हेमंत बाबेल, अनिल खटोड़, श्रीमती कमला चौधरी, शकुंतला चांदमल बोहरा, नीता बाबेल, नेहा चोरड़िया, मधु ललित लोढ़ा, किरण सेठी, निर्मला बाफना, रीना सिंघवी, किरण बाफना आदि उपस्थित थे।