परिजनो ने कहा बेटी को मिला न्याय , अब मिलेगी उसकी आत्मा को शांति
पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । बहुचर्चित भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी भट्टी कांड में पॉक्सो कोर्ट ने दोनों आरोपियो को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले से मृतका के परिजनों में भी खुशी की लहर दौड़ गई और वह जज का आभार व्यक्त करते हुए नजर आए। सोमवार को कोर्ट में आरोपियो के लाने के दौरान भारी पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।
साल 2023 की 2 अगस्त को कोटड़ी थाना क्षेत्र में 17 साल की मासूम से गैंगरेप कर उसे जिंदा कोयले की भट्टी में झोंकने वाली घटना में नो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें कालू पुत्र रंगलाल कालबेलिया उम्र 25 वर्ष पप्पू पुत्र अमर नाथ कालबेलिया उम्र 35 वर्ष कान्हा पुत्र रंगलाल कालबेलिया उम्र 21 वर्ष संजय पुत्र प्रभु कालबेलिया उम्र 20 वर्ष कमलेश पुत्र श्रवण कालबेलिया उम्र 30 वर्ष , प्रभु पिता गंगाराम कालबेलिया उम्र 40 वर्ष , लाड उर्फ जीजी पत्नी कालु कालबेलिया 25 वर्ष के विरोध पुलिस ने एक महीने में ही अनुसंधान कर भीलवाड़ा स्थित लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम संख्या दो (पोक्सो कोर्ट-2) में चालान पेश किया था। जिसमें से 7 आरोपियो को कोर्ट ने 18 मई 2024 को दोष मुक्त कर दिया और सोमवार को मुख्य दो आरोपी कालू पुत्र रंगनाथ कालबेलिया उम्र 25 वर्ष और उसके भाई काना पुत्र रंगनाथ कालबेलिया उम्र 21 वर्ष को फांसी की सजा सुनाई है।
राज्य सरकार द्वारा जयपुर से विशेष रूप से नियुक्त किए गए स्पेशल पीपी महावीर सिंह कानावत ने कहा कि आज भट्टी कांड जो एक जघन्य अपराध हुआ था। जिस तरह मासूम के साथ गैंगरेप करके उसको जिन्दा ही भट्टी में जलाया गया था। उसमें जो कोर्ट ने आरोपियो को मृत्युदंड का फैसला दिया है उसका हम स्वागत करते है। इस कांड का मुख्य आरोपी कालू था और उसको धारा 302 के तहत मृत्युदंड दिया गया। इसके साथ ही 376 व 376 डी में आजीवन कारावास, 326 में 7 वर्ष का कारावास, 5 जीएल-6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दुसरे आरोपी काना को भी 302 में मृत्युदंड से दडिंत किया गया। ¾ पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास, 326 में 7 वर्ष का कारावास, 376 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। यह न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला है और पुलिस विभाग की भी बहुत अच्छी भुमिका रही है।
7 आरोपियो को बरी करने के सवाल पर पीपी महावीर सिंह ने कहा यह आरोपी हत्या और दुष्कर्म में शामिल नहीं थे। जिसके कारण इन्हे दोषमुक्त किया गया है। यह बालिका के शव को जलाने में सहायक थे। इसके लिए न्यायालय में हम फिर से चार्टशीट पेश करेगें और जल्द से जल्द यह सभी भी जेल की सलाखों के पीछे होगें।
वहीं मृतका के पिता और माता ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है हम उसका स्वागत करते है और जो आरोपियो को सजा मिली है उससे हम खुश है। आज हमारी बेटी की आत्मा को शांति मिली है। हमारी मांग है कि जो 7 आरोपियो को छोड़ा गया है उनको भी सजा मिलनी चाहिए।