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क्या थायराइड की समस्या सिर्फ महिलाओं को ही होती है ?महिलाओं में थायराइड के कारण, Causes of thyroid in women

थायराइड एक ग्रंथि है जो थायरॉक्सीन और ट्रायडोथायरोनिन जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन्स का उत्पादन करती है। यह हार्मोन्स शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करते हैं और कई शारीरिक कार्यों को संतुलित रखने में मदद करते हैं। महिलाओं में थायराइड के विकार आम होते हैं और इसके लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है। यहाँ हम महिलाओं में थायराइड के लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करेंगे:

थायराइड कितने प्रकार के होते हैं?

थायराइड के प्रमुख रूप उपाधि, हाइपोथायराइडिज़म (थायराइड कमी) और हाइपरथायराइडिज़म (थायराइड अधिकता) हैं।

कौन सा थायराइड खतरनाक है?

हाइपोथायराइडिज़म और हाइपरथायराइडिज़म दोनों ही खतरनाक हो सकते हैं अगर वे गंभीर हो जाते हैं और उनका समय रहते उपचार नहीं किया जाता है। इसलिए, सही चिकित्सा सलाह के अनुसार उपचार कराना जरूरी है।

महिलाओं में थायराइड के लक्षण

  •  Causes of thyroid in women

1. तेजी से वजन घटना या बढ़ना

थायराइड विकार के एक मुख्य लक्षण में वजन का असामान्य बदलाव होता है। यदि आपका वजन बिना किसी कारण के तेजी से बढ़ रहा है या धीरे-धीरे घट रहा है, तो इसे थायराइड की संभावना हो सकती है।

2. थकावट: 

थायराइड के विकार में थकावट का अहसास होता है, जो काफी असामान्य हो सकता है। यह दिनभर की ऊर्जा की कमी के कारण हो सकता है।

3. अत्यधिक पसीना:

थायराइड विकार के दौरान अत्यधिक पसीना का अनुभव हो सकता है, विशेष रूप से रात के समय।

4. हाथों या पैरों में सूजन:

थायराइड के विकार में हाथों और पैरों में सूजन का अहसास हो सकता है, जो आमतौर पर सुबह को सबसे अधिक होता है।

5. मासिक धर्म में असमानता:

थायराइड के विकार से महिलाओं के मासिक धर्म में असमानता हो सकती है, जैसे कि अनियमित पीरियड्स, अत्यधिक या अत्याधिक खून आदि।

6. मूड स्विंग्स:

थायराइड के विकार से मूड में बदलाव हो सकता है, जैसे कि उत्साहित होना, चिंतित होना, या उदास होना।

7. त्वचा और बालों की समस्याएं:

थायराइड के विकार से त्वचा और बालों में समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि रूखापन, डर्माइटिस, या बालों का झड़ना।

8. हृदय दौरे की संभावना:

थायराइड के विकार से हृदय दौरे की संभावना बढ़ सकती है। यह एक गंभीर समस्या है और तुरंत चिकित्सा सहायता की जानी चाहिए।

9. गर्भावस्था की समस्याएं:

महिलाओं में थायराइड के विकार गर्भावस्था के दौरान भी समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जैसे कि गर्भावस्था के अवधि में अनियमितियाँ, गर्भपात, प्री-एक्लैम्पसिया आदि।

10. प्रजनन संबंधी समस्याएं:

थायराइड के विकार से प्रजनन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि अंडाशय के अस्तित्व में समस्या, अव्यावहारिक गर्भाशय, और गर्भाशय के अंदर गर्भाशय की पुरी तरह से विकसित न होने की समस्या।

महिलाओं में थायराइड के कारण – 

थायराइड महिलाओं में कई कारणों से हो सकता है जैसे –

आयु: थायराइड समस्याएं अधिकतर वयस्क आदमी और महिलाओं में होती हैं, लेकिन वृद्ध महिलाओं में अधिक पायी जाती हैं।

आनुवांशिक कारण: थायराइड समस्याएं परिवार में हो सकती हैं।

प्रसव: प्रेग्नेंसी के दौरान, महिलाओं के थायराइड हार्मोन्स में परिवर्तन हो सकते हैं, जो थायराइड समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

आहार: कम या अधिक अवशोषण या कुछ विशेष खाद्य पदार्थों की कमी भी थायराइड समस्याओं का कारण बन सकती है।

स्त्री हॉर्मोन्स: महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स की संतुलित स्तर का महत्वपूर्ण भूमिका होता है, जिसमें थायराइड हार्मोन्स भी शामिल होते हैं। किसी भी कारणवश, यदि महिला के शरीर में हार्मोन्स की संतुलन होने में कोई असमंजस हो, तो थायराइड समस्याएं हो सकती हैं।

अन्य कारण: थायराइड समस्याओं के अन्य कारणों में विभिन्न रोग, बदलते जीवनशैली, एन्टीबायोटिक्स या अन्य दवाओं का उपयोग, या अवसाद शामिल हो सकते हैं।

इन सभी कारणों से, महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए नियमित चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी महिला को थायराइड समस्या होने का संदेह हो, तो उन्हें चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

थायराइड के उपाय –

महिलाओं में थायराइड की समस्या के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

नियमित चेकअप: थायराइड के लिए नियमित चेकअप बहुत महत्वपूर्ण है। यह बीमारी को समय रहित खोजने और उसका उपचार करने में मदद कर सकता है।

सही आहार: उन्हें सही आहार लेना चाहिए जिसमें थायराइड संबंधित पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा हो। इसमें इन आहारों को शामिल किया जा सकता है – योगर्ट, मक्खन, अंडे, खासी के दूध, मूंग, मूंगदाल, खीरा, गाजर, बैंगन, सेम, आलू, अंगूर, खुबानी, संतरा, सेब, ब्रोकोली, स्पिनच, आदि।

व्यायाम: नियमित व्यायाम करना भी थायराइड समस्या को कंट्रोल में मदद कर सकता है। योग और प्राणायाम भी लाभकारी हो सकते हैं।

उचित आराम: पर्याप्त आराम और निद्रा भी थायराइड के लिए महत्वपूर्ण हैं।

स्ट्रेस प्रबंधन: स्ट्रेस को कंट्रोल करना भी थायराइड समस्या के लिए आवश्यक है। योग, मेडिटेशन, ध्यान आदि स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं।

दवाओं का सही इस्तेमाल: थायराइड की दवाओं को नियमित और निर्देशानुसार लेना चाहिए। किसी भी दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के बंद न करें।

चिकित्सक की सलाह: थायराइड समस्या के उपचार में चिकित्सक की सलाह लेना बहुत महत्वपूर्ण है। वे आपको सही तरीके से उपचार के बारे में बताएंगे।

ध्यान दे – 

  • महिलाओं में थायराइड समस्याएं आमतौर पर उम्र के साथ बढ़ती हैं, खासकर 40 वर्ष की उम्र के बाद।
  • थायराइड डिसऑर्डर के संकेत में थकान, वजन का अनियमितता, ठंडा लगना, चिड़चिड़ापन, और मनोवैज्ञानिक समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान, थायराइड समस्याएं न केवल माँ की स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, बल्कि शिशु के लिए भी नुकसानकारी हो सकती हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान, थायराइड रोगी महिलाओं को नियमित रूप से अपने डॉक्टर के साथ सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि उनका थायराइड स्तर समायोजित रहे।
  • थायराइड डिसऑर्डर का निदान थायराइड टेस्ट (Thyroid Test )के माध्यम से किया जा सकता है, जिसमें थायरॉइड हार्मोन के स्तर की माप की जाती है।
  • थायराइड रोगी महिलाओं को नियमित रूप से अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना चाहिए।
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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