राजस्थान के मुख्यमंत्री का अनूठा हीट वेव प्रबंधन
Unique heat wave management by Rajasthan Chief Minister
मेवाड़ में भी दिख रही मुख्यमंत्री के हीट वेव प्रबंधन की मिसाल
उदयपुर, 30 मई। स्मार्ट हलचल/ज्येष्ठ माह के लगते ही नौतपा के प्रभाव के कारण पूरा राज्य इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा कई संभागीय मुख्यालयों पर पारा 45 से 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। रात और दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने अपनी तमाम प्रकार की चुनावी व्यस्तताओं के बावजूद अपनी दूरदर्शिता और संवेदनशीलता के कारण समग्र लोकहित में शासन-प्रशासन को चुस्त-दुरूस्त कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हीट-वेव प्रबंधन उनकी प्राथमिकता में है और तमाम सरकारी मशीनरी आपस में समन्वय स्थापित करते हुए जनता को इस कठिन समय में राहत देने के उपाय सुनिश्चित करें।
अवकाशों पर रोक, फील्ड में जाने के निर्देश:
मुख्यमंत्री ने ग्रीष्म ऋतु के आरंभ होते ही संवेदनशीलता दिखाई और आमजन को राहत देने के उद्देश्य से समस्त संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर से लेकर एसडीएम तक और चिकित्सा, पेयजल सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगाते हुए उन्हें लगातार फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने जिलों के सभी अस्पतालों और डिसपेंसरियों में हीट वेव से संबंधित दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ इलाज के पुख्ता प्रबंध किए और अस्पतालों में लू-तापघात से ग्रसित मरीजों के लिए डेडिकेटेड वार्ड स्थापित किए गए।
आमजन के साथ पशु-पक्षियों को भी दे रहे राहत:
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद न सिर्फ आमजन अपितु मूक पशु-पक्षियों के दाना-पानी की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कर अपूर्व राहत दी जा रही है।
क्षेत्र की नहरों और जलभंडारण स्त्रोतों में जलापूर्ति निर्बाध रूप से जारी है, जिससे राज्य में पेयजल और पशुचारे की आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेशभर में पशु-पक्षी संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सभी सरकारी कार्यालयों में पक्षियों के लिए दाने-पानी की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री का यह आह्वान जनआंदोलन बन चुका है और अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं और आमजन इसके लिए आगे आ गए हैं।
नरेगा समय बदला:
तेज धूप में कार्य करने वाले श्रमिकों की समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश के पश्चात् मनरेगा श्रमिकों के कार्य समय को परिवर्तित किया गया है। इससे लाखों श्रमिक परिवारों को राहत मिली है। इसी प्रकार औद्योगिक स्थलों, धार्मिक एवं पर्यटन केन्द्रों, भीड़भाड़ वाले स्थानों जैसे बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन, रेलवे फाटक के आसपास छाया-पानी की व्यवस्था की गई है।
प्रभारी सचिवों के माध्यम से प्रबंधन की हो रही पड़ताल
मुख्यमंत्री ने न सिर्फ हीट वेव प्रबंधन सुनिश्चित किया है अपितु फील्ड में इस प्रबंधन से आमजन को सही मायनों में फायदा मिल रहा है या नहीं, इसकी पड़ताल करने के भी निर्देश दिए हैं।प्रदेशभर में हीट वेव प्रबंधन व अन्य सभी व्यवस्थाओं की पड़ताल करने और इन्हें और अधिक मुस्तैद करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना में सभी जिलों के प्रभारी सचिव दो दिनों से अपने प्रभार वाले जिलों में भेजकर रिपोर्ट तलब की गई हैं। ये हीट वेव प्रबंधन की बारीकी से माॅनिटरिंग कर रहे हैं। प्रभारी सचिव जिले के अधिकारियों की सक्रियता के आकलन के साथ अस्पतालों, गौशालाओं आदि का निरीक्षण कर रहे हैं। सभी जिलों के दौरों की रिपोर्ट का 31 मई को खुद मुख्यमंत्री आकलन करेंगे।
खुद फील्ड में उतरे मुख्यमंत्री:
पहली बार मुख्यमंत्री ने जलदाय और विद्युत विभाग के राज्य स्तर से लेकर उपखण्ड स्तर तक नियंत्रण कक्षों को मुस्तैद रखने की न सिर्फ माॅनिटरिंग की है अपितु गत दिनों खुद मुख्यमंत्री फील्ड में उतरे और जलापूर्ति प्रबंधन को देखकर दी जा रही राहत की पुष्टि की है। आमजन को लू और तापघात से बचाव के प्रति जागरुक करने साथ ‘डू और डोंट्स’ के प्रति आमजन को जागरुक किया जा रहा है।
समग्रतः कहा जा सकता है कि संवेदनशील मुख्यमंत्री की प्रत्येक स्तर पर माॅनिटरिंग और समय पूर्व प्रबंधों की बदौलत गर्मी के इस चुनौतीपूर्ण दौर में समूचे प्रदेश की भांति मेवाड़ अंचल के आमजन को भी अपूर्व राहत मिली है।
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