कृषि मंडी में व्यापारियों ने किया नीलामी का बहिष्कार,Traders boycotted the auction
14 वर्षों से नही हुआ कोई निर्माण
6 माह हो गये प्लाटों का भी नही दिया कब्जा
आदित्य सोनी
नाहरगढ/स्मार्ट हलचल।कस्बे में कृषि गौण मंडी में सोमवार को मंडी में अव्यस्थाओ से हताश होकर व्यापारियों ने नीलामी बोली का बहिष्कार कर दिया।
व्यापारी उत्कर्ष गर्ग,चंद्रप्रकाश नागर,अश्विनी गर्ग,बृजमोहन खंडेलवाल,पंकज मंगल,ज्ञानस्वरूप भार्गव ने बताया कि नाहरगढ कृषि मंडी पिछले 14 वर्षो से लगातार संचालित है।इन 14 वर्षो में सभी व्यापारियों द्वारा लगभग 25 करोड़ रुपए का टैक्स दिया जा चुका है। इसके बावजूद मंडी में किसानो के लिए निर्मित एक बड़े टीन शेड के अलावा कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। मंडी प्रशासन द्वारा आज तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं करवाया गया।
व्यापारियों को नही है कोई सुविधा
व्यापारियों द्वारा टीन शेड में कांटा बांट रखने, बारदान, या फूटकर कृषि जींस रख देने पर मंडी प्रशासन द्वारा आए दिन नोटिस दे दिया जाता है।
जबकि व्यापारियों द्वारा खरीदी गई कृषि जींस खुले में रखी जाती है। जिससे खराब मौसम में नुकसान की पूरी संभावना है।व्यापारियों को सुविधा के नाम पर सिर्फ नोटिस देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। जिससे व्यापारियों में रोष व्याप्त है। कृषि मंडी संचालित होने से ही कस्बे का अन्य व्यापार भी प्रभावित होता है।
कृषि जींस की नीलामी बोली लगाने का बहिष्कार
ऐसे में असुविधाओं से परेशान व्यापारियों ने कृषि मंडी में बिकने आई कृषि जींस की नीलामी बोली लगाने का बहिष्कार किया। और मंडी प्रशासन से व्यापारियों को दी जाने वाली सुविधाओं का लिखित में आश्वासन देने की मांग की।
प्लाटों का भी नही दिया कब्जा
कृषि मंडी में मंडी प्रशासन द्वारा लगभग 6 माह पहले व्यापारियों को सुविधाओं के लिए गोदाम ,दुकान आदि निर्माण के लिए प्लॉट आवंटित किए गए थे।परंतु आज तक भी प्लाटों का कब्जा नही दिया गया । जिस से अब व्यापारी अपना माल रखे तो कहा रहे ।