मांडलगढ़ अनैतिक, भ्रष्टाचार, अवैध खनन, रेत माफिया, नशेड़ी, देह व्यापार के साथ अब चोरियों के मामले में भी गढ़ बनने की ओर अग्रसर
इस उन्नति में जनप्रतिनिधियों, नेताओं, अधिकारियों का कितना योगदान है
सोचने वाली बात मैं जन चर्चा व जनता के विचारों पर आधारित है जो क्रमशः
मांडलगढ़, स्मार्ट हलचल। शहर में लगातार हो रही एक के बाद एक चोरियों के बाद भी प्रशासन अलर्ट नहीं है वैसे प्रशासन कई वर्षों से अलर्ट नहीं है जिसका नतीजा क्षेत्र में बढ़ता देह व्यापार, उभरते रेत माफिया, अवैध खनन, सट्टा, रिश्वतखोरी से क्षेत्र खोखला हो चुका है।
यहां वर्षों से क्षेत्रीय विधायक है ना की पैराशूट से आए हुए, यह बात समझ से परे हो की इन सब अवैध, अनैतिक कार्यों की जानकारी विधायक को ना हो और ना ही प्रशासन को जनता ज्ञापन दे-दे कर जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को जागने की कोशिश करती है। हद तो तब होती है जब जनप्रतिनिधि भी ज्ञापन देने में साथ होते हैं, लेकिन पद पर होते हुए कुछ नहीं कर पाना जनप्रतिनिधि की कमजोरी दर्शाता है। दृढ़इच्छा शक्ति की कमी या भ्रष्टाचार की बली चढ़ जाता है जनता का प्रयास।
विगत 5 वर्षों से स्थानीय निवासी गोपाल लाल खंडेलवाल विधायक हैं। उनके विगत पांच वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ एक बहाना था कि कांग्रेस की सरकार है मेरी चलती नहीं है मैं क्या करूं भ्रष्ट निकम्मी सरकार मेरी सुनती नहीं है, इसके अलावा पांच सालों तक किसी भी समस्या पर यही जवाब दिया किया कुछ नहीं, यहां तक कि जब जिले का बंटवारा हो रहा था तब भी उन्होंने यही बात दोहराई थी कि हमारी सरकार होती तो ऐसा नहीं होता मैं होने ही नहीं देता। हमारी सरकार आने दो तुरंत वापस भीलवाड़ा से शाहपुरा में गई ग्राम पंचायतों को भीलवाड़ा में ले लिया जाएगा।
अब गोपाल लाल खंडेलवाल ही विधायक है और उनकी ही सरकार है इसके बावजूद वह क्षेत्रवासियों को लेकर जयपुर में मंत्रियों के यहां दर-दर घूम रहे हैं और ज्ञापन दे रहे हैं। पिछले पांच सालों में भी यहां जनता के साथ ज्ञापन ही देते थे।
आजकल समाज, पैसा, धर्म, पार्टी, या सामने वाला उम्मीदवार…, सबसे बड़ा रुपैया के बल पर कोई भी चुनाव जीत सकता है। लेकिन क्या उसमें काबिलियत है?
चुनाव जितना एक बात है और अपनी काबिलियत से जनता की सेवा करना, समस्याओं क निराकरण करना दूसरी बात है।……..
इन सब पर विस्तृत मंथन करेंगे बने रहे स्मार्ट हलचल के साथ…. क्रमश……