रितिक मेहता
डूंगरपुर, स्मार्ट हलचल। भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर डाइंग कैडर का विरोध और राज्य सेवा नियम लागू करने की मांग को लेकर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है। शुक्रवार को डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर में राजमेस के डॉक्टरों ने सद्बुद्धि यज्ञ कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल में पिछले 6 दिनों से डॉक्टरों की हड़ताल होने से इसका असर अस्पताल में आने वाले मरीजों को देखने को मिल रहा है। अस्पताल के ओपीडी वार्डों में डॉक्टरों की संख्या कम होने से यहां पर मरीजों की लंबी लाइनें देखने को मिली रही हैं। वहीं वार्ड में भर्ती हुए मरीज भी डॉक्टरों नहीं होने से मरीजों को पूरी तरह से इलाज नहीं होने से छुट्टी लेकर निजी अस्पताल और गुजरात की ओर रूख करने को मजबूर हो रहे हैं। दरअसल, डूंगरपुर मेडिकल अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पातल होने से रोजाना यहां पर डूंगरपुर के अलावा उदयपुर और बांसवाड़ा जिले की लगती सीमा से गांवों से मरीज अपने इलाज कराने के लिए डूंगरपुर आते हैं। वहीं रात के समय होने वाली दुर्घटनाओं में घायल होले वाले मरीजों का इलाज अस्पताल होता है लेकिन सोमवार से राजमेस से जुड़े डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से गंभीर मरीजों को रेफर किया जा रहा है। डूंगरपुर. डाइंग कैडर के विरोध में सद्बुद्धि यज्ञ करते डॉक्टर्स। डॉ प्रभास भावसार ने बताया कि मौखिक आश्वासन मिला है लेकिन उनकी मांगों पर अब केवल मौखिक आश्वासन से काम नहीं चलेगा। सरकार लिखित में उनकी मांगों को पूरा करें। इसके बाद ही आंदोलन खत्म होगा। शनिवार को राजमेस से जुड़े सभी डॉक्टर जिला अस्पताल के मुख्य गेट पर पकौड़े तल कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं शाम को शहर के गेपसागर पाल पर कैंडल जलाकर डॉक्टरों के द्वारा मौन प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब उन्हें आईएमए डूंगरपुर द्वारा राजस्थान मेडिकल टीचर एसोसिएशन डूंगरपुर को उनकी मांगों को जायज मानते हुए पूर्णतया समर्थन दे रहे है। सोमवार तक राज्य सरकार तक मांगों को नहीं माना जाता है तो आईएमए डूंगरपुर भी काली पट्टी बांध कर सरकार का विरोध करेगा। राजमेस से जुड़े डॉक्टरों की हड़ताल के चलते इसका असर अस्पताल में भर्ती में मरीजों पर भी दिखाई दे रहा है। हड़ताल के चलते डॉक्टर ने वार्डों में नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते मरीज अपना इलाज के लिए अस्पताल में छुट्टी लेकर निजी अस्पताल की ओर से रूख कर रहे हैं। शुक्रवार को जिला अस्पताल में शल्य वार्ड के पुरूष और महिला वार्डों पूरी तरह से खाली हो चुके है। शुक्रवार को महिला वार्ड में एक मात्र मरीज भर्ती मिली। वहीं पुरूष वार्डों में एक दो मरीज को छोड़ कर बेड़ पूरी तरह से खाली मिले। अस्पताल में शल्य वार्डों में पिछले दो दिनों में करीब 40 से अधिक मरीज डॉक्टर के अभाव में अस्पताल से छुट्टी लेकर चले जा चुके हैं। डूंगरपुर. जिला अस्पताल में वार्ड में खाली पड़े बेड़ और घर जाते मरीज ।