बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद उपद्रव थमने का नाम नहीं ले रहा है। कार्यवाहक सरकार गठन होने बावजूद प्रदर्शनकारी हिंसा की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के चीफ जस्टिस को इस्तीफा देने के लिए शनिवार दोपहर तक का अल्टीमेटम दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।पूर्व पीएम शेख हसीना के करीबी होने की कीमत चीफ जस्टिस को चुकानी पड़ी है। प्रदर्शनकारियों ने ढाका में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया था। जिसके बाद चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन के साथ साथ सभी जजों को दोपहर एक बजे तक इस्तीफा देने को कहा गया था। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर वह अपना इस्तीफा नहीं सौंपते हैं तो वह उनके आवास पर धावा बोल देंगे।
शेख हसीना के वफादार माने जाते थे ओबैदुल हसन
ओबैदुल हसन को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया था. दावा किया जाता है कि वो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के काफी खास थे. इस बीच, लॉ अडवाइजर प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने कहा कि न्यायपालिका की गरिमा की रक्षा के लिए मुख्य न्यायाधीश को अपना फैसला लेना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य न्यायाधीश को छात्र लोगों की मांगों का सम्मान करना चाहिए. आसिफ नजरुल ने आंदोलनकारी नेताओं की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने छात्रों की शिकायत देखीहैं. मुख्य न्यायाधीश ने जिस तरह से न्यायालय की बैठक बुलाई थी, उससे लगता है कि वो हारी हुई ताकतों के पक्ष से जुड़ी हुई थी.
चुनाव पर फैसला नहीं