पावटा/स्मार्ट हलचल/भक्ति से ही जीवन की सभी समस्याओं का हल संभव है । तुलसीदास जी ने निर्मल भक्ति को ही प्रभु प्राप्ति का एक मात्र मार्ग बताया है। संत शिरोमणि मंगलदास महाराज द्वारा ये विचार अखिल भारतीय साहित्य परिषद् इकाई पावटा द्वारा पंसारी होटल एंड रिसोर्ट में आयोजित तुलसी जयंती एवं छत्तीसवें साहित्यकार सम्मान समारोह में प्रकट किये गये। कार्यक्रम में संत शिरोमणि मंगलदास महाराज, मुख्य अतिथि के रूप में विराटनगर विधानसभा विधायक कुलदीप धनखड़, कार्यक्रम के अध्यक्ष नगरपालिका पावटा-प्रागपुरा के चेयरपर्सन प्रतिनिधि निर्मल पंसारी, विशिष्ट अतिथि पंचायत समिति पावटा के प्रधान प्रतिनिधि जगन चौधरी एवं अ.भा.सा.प. के प्रान्तीय अध्यक्ष ओमप्रकाश भार्गव ‘सरस’ ने मंच को सुशोभित किया। मुख्य अतिथि विधायक कुलदीप धनखड़ ने बताया कि बहुत ही अभावों में जीवन जीने के बावजूद तुलसीदास जी ने साहित्य के नये आयाम स्थापित किये एवं रामचरितमानस जैसे ग्रन्थ की रचना की। कार्यक्रम का प्रारंभ मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया । इसके बाद काव्य मनीषी गिरिराज शास्त्री द्वारा स्वरचित सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। गिरधारी सिंह ‘गिरधर’ के द्वारा परिषद गीत गाया गया। इसके बाद इकाई अध्यक्ष नवनीत गौड़ द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। कार्यक्रम में भारतीय जनजीवन के आध्यात्मिक विकास में तुलसीदास जी के योगदान पर वक्ताओं राजेन्द्र वशिष्ठ, कमलकांत ‘कमल’, नवनीत गौड़ द्वारा प्रकाश डाला गया। प्रान्तीय अध्यक्ष ओम प्रकाश भार्गव ने तुलसीदास के साहित्य पर प्रकाश डालते हुए रामचरितमानस को सनातन संस्कृति के लिए संजीवनी बताया। इस दौरान जिले की सप्तर्षि इकाइयों के साहित्यकारों का सम्मान किया गया। तत्पश्चात काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पुरुषोत्तम कृष्ण मिश्रा, उमराव लाल वर्मा, गिरधारी सिंह ‘गिरधर’, संगठन मंत्री नरेश बंसल, महावीर शर्मा ‘सरस’, कल्याण सिंह शेखावत, महामंत्री शिवम शर्मा ‘विशेष’, भवानी सिंह भूधर, कंचन वर्मा, अंकित गौड़, खिल्लूराम सैनी, सरोज यादव, भगवान सहाय सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित रहे। मंच संचालन महामंत्री शिवम शर्मा ‘विशेष’ एवं गिरिराज शास्त्री द्वारा किया गया।