ब्यावर, नितिन डांगी✍️
स्मार्ट हलचल/ब्यावर, राज्य सरकार के निर्देशानुसार जलझूलनी एकादशी के अवसर पर सम्पूर्ण प्रदेश में पूर्ण भरे हुए जलाशयों पर शनिवार को ‘‘राजस्थान जल महोत्सव 2024’’ का आयोजन किया गया। ब्यावर में जिला कलेक्टर उत्सव कौशल एवं स्थानीय विधायक शंकर सिंह रावत के आतिथ्य में आयोजित हुआ ।
राजस्थान जल महोत्सव 2024’’ के जिला स्तरीय कार्यक्रम को जिला कलेक्टर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें आज के समय में जल की महत्ता को समझते हुए उसका संरक्षण करना चाहिए तथा नलों को खुला छोड़कर पानी को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जल के बिना जीवन मुमकिन नहीं है इसलिए जल का संरक्षण अति आवश्यक है। हम सभी को जल को दूषित होने से बचाना चाहिए।
विधायक रावत ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष प्रदेश सहित ब्यावर जिले में बारिश अच्छी होने से जल संग्रहण की स्थिति अच्छी रही है। पूर्व में जल अभाव से ग्रसित रहने वाले राजस्थान राज्य के जलस्रोत इस वर्ष जल से सराबोर हैं। इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने इन्द्रदेव का आभार व्यक्त करने एवं जलसंग्रहण व संरक्षण की जागरूकता हेतु ‘‘राजस्थान जल महोत्सव 2024’’ आयोजित करने का निर्णय लिया।
उन्होंने आमजन से जिले के सभी जलस्रोतो के आसपास साफ-सफाई रखने तथा जल को व्यर्थ न बहाने की अपील की।
जिला कलक्टर, विधायक ने तालाब के किनारे जल पूजन किया एवं जल संरक्षण का संकल्प लेते हुए भगवान इन्द्रदेव का प्रदेश में भरपूर मात्रा में वर्षा जल प्रदान करने के लिए आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में जिला कलेक्टर, विधायक सहित अन्य अतिथियों द्वारा पूजा अर्चना की गई । अतिथियों द्वारा जल का संरक्षण करने, जल का विवेकपूर्ण उपयोग कर व्यर्थ नहीं बहाने तथा जल को प्रदूषित नहीं करने सहित स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के तहत स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। विगत 12 वर्षों बाद जवाजा तालाब में पानी की आवक पूर्ण भराव तक हुई । उक्त जलाशय का जलाभिषेक करते हुए उपस्थित अतिथियों द्वारा विधिवत पूजा अर्चना की गई ।
राजस्थान प्रदेश में औसत वर्षा से ज्यादा वर्षा होने पर पानी की आवक अच्छी हुई इसी के तहत राजस्थान जल महोत्सव कार्यक्रम मनाया गया । महोत्सव में नौकायन, सांस्कृतिक कार्यक्रम हर्षोल्लास से आयोजित किए गए ।
कार्यक्रम में जिला परिषद एसीईओ गोपाल मीणा उपखंड अधिकारी गौरव बुढ़ानिया, जवाजा प्रधान गणपत सिंह रावत सहित अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि व अधिकारी गण मौजूद रहे ।