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हादसो के बाद भी विद्युत विभाग कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ कर रहा खिलवाड़, बिना सुरक्षा उपकरणों के हाईटेंशन विधुत लाइनों पर कर रहे संविदाकर्मी कार्य

शाहपुरा@(किशन वैष्णव) कई बड़े हादसे होने के बावजूद भी बिजली विभाग सबक नहीं ले रहा है। विभाग के कर्मचारी बिना सुरक्षा किट और पीपीई के हाईटेंशन लाइन पर ऊंचाई पर चढ़कर काम कर रहे हैं।आजकल बकायेदारों के कनेक्शन काटने व क्षेत्र में फाल्ट निकालने के लिए पोल पर बिना सुरक्षा किट के कर्मचारी काम कर रहे हैं ऐसे में विभाग की ये लापरवाही कही कर्मचारी की जान ना लेले।

सा सुरक्ष दस्ताने और ना जूते,हादसे का अंदेशा,मजबूर कर्मचारी।

बिजली विभाग की ओर से ठेकेदार के माध्यम से कर्मचारी रखे गए हैं।यही कर्मचारी लाइन जोड़ने और काटने का काम के अलावा बिजलीघरों पर भी रहते हैं।फॉल्ट सही कराने का काम भी इनसे लिया जाता है।
जिन कर्मचारियों से काम लिया जाता है उन्हें हेलमेट के अलावा ऊंचाई पर कार्य के लिए सेफ्टी बेल्ट,इलेक्ट्रिकल सुरक्षा दस्ताने,सुरक्षा जूते,सीढ़ी आदि उपलब्ध कराना जरूरी होता है,मगर यह कर्मचारी बिना सीढि़यों के पोल पर चढ़ते हैं और इनके पास सेफ्टी बेल्ट और विद्युत प्रतिरोधक उपकरण भी नहीं होती है।

कई हादसे हुए हैं फिर भी सबक नही लेता विभाग।

हाईटेंशन लाइन पर या ट्रांसफार्मर पर काम करते समय कई बार बिना जानकारी और बिना सूचना के विधुत सप्लाई चालू करने के मामले सामने आ चुके हैं और कई जगह कर्मचारियों की जान भी जा चुकी है जानकारी के अनुसार सूरजपुरा जीएसएस क्षेत्र में कर्मचारी बिना ग्लव्स और जूता के ही काम करते हुए नजर आते हैं। ऐसे में अक्सर हाईटेंशन लाइन पर काम करते समय अचानक लापरवाही से शटडाउन के बावजूद लाइन को चालू कर दिया जाता है।इससे अचानक लाइन में करंट आने से कर्मचारी चपेट में आकर हादसे के शिकार हो जाते हैं।सुरक्षा उपकरणों जैसे हैंड ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट,सुरक्षा जूते रहने पर ऐसे हादसे में जान बच सकती है।कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता।किसी उपकरण का रखरखाव या मरम्मत करते समय ऊर्जा नियंत्रण प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए लेकिन नही किया जाता है।मामले को लेकर जब हमने सहायक अभियंता अमित शर्मा से बात की तो यह कह कर लीपापोती कर दिया की हम सभी टीमों को पीपीई देते है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है जो फोटो में दिखाई दे रहा है।धरातल पर इन नियमों की अनदेखी की जा रही है स्वयं कर्मचारी को भी अपनी जान की फिक्र नहीं है और ना अधिकारी इनका फीडबैक लेते हैं।जिससे बड़ा हादसा होने की आशंका है तथा कार्य के दौरान कर्मचारियों के साथ लैनमेन भी मौके पर नही रहता है ठेकाकर्मियों के कर्मचारियों के भरोसे रखरखाव व्यवस्था छोड़ दे रहे हैं। अगर कोई हादसा हुआ तो कोन होगा जिम्मेदार।

इनका कहना:

सभी पीपीई कर्मचारियों को दिए जाते है वो उपयोग में नही ले रहे होंगे,सभी एफआरटी टीम को दिए हुए है में दिखवाता हू।

अमित शर्मा
एईएन,शाहपुरा

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