बन्शीलाल धाकड़
स्मार्ट हलचल/चित्तौड़गढ़ कृषि विज्ञान केन्द्र, द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत आयोजित प्रथम पंक्ति प्रदर्शनों (तिलहन) में सोयाबीन फसल की नवीन उन्नत किस्म जे.एस. 20-98 पर पंचायत समिति गंगरार के गांव चतरा का खेड़ा में दिनांक 31 अक्टूम्बर 2024 को प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। सोयाबीन किस्म जे.एस. 20-98 के 25 किसानों के यहां 10 हैक्टर में प्रदर्शन आयोजित किये गये। जिसमें 40 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने कृषकों को प्रदर्शन खेत व कृषक पद्धति के खेतों में तुलना करते हुए अन्तर स्पष्ट किया उन्होंने प्रदर्शन खेत के पौधों की वृद्धि व शाखाए अधिक तथा फलियों व दानों की संख्या स्थानीय किस्म से अधिक पाई गई, यह किस्म 95-98 दिन में पकती है एवं रेतीली एवं मध्यम भूमि क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. औसत पैदावार 25-28 क्विंटल प्रति हेक्टर, दानों में तेल की मात्रा 19.3 प्रतिशत प्रोटीन 40 प्रतिशत होता है। कम एवं मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए एकाधिक प्रतिरोधी किस्म है। प्रदर्शन खेत से प्राप्त उत्पादन बीज को प्रसार करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही फसलो में खरपतवार प्रबंधन तथा समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन की तकनीकी जानकारी दी। दीपा इन्दौरिया कार्यक्रम सहायक ने प्रक्षेत्र दिवस में उपस्थित किसानों को सोयाबीन प्रसंस्करण करने के तरीके बताये तथा इनकी दैनिक आहार में शामिल करने का आव्हान किया क्योंकि कि इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। केन्द्र के संजय कुमार धाकड़, कार्यकम सहायक ने बताया कि सोयाबीन की यह किस्म प्रतिकूल और सामान्य दोनों स्थितियों में उच्च उपज क्षमता है। येलो मोजेक वायरस और चारकोल रोट जैसी सबसे भयानक बीमारियों के खिलाफ कई प्रतिरोधी, जिसमें अन्य महत्वपूर्ण बीमारियां जैसे ब्लाइट्स, बैक्टीरियल पस्ट्यूल, लीफ स्पॉट और कीट-कीट शामिल हैं। इसमें उत्कृष्ट अंकुरण क्षमता और दीर्घायु होती है। यह समय पर बुवाई, मध्यम से उच्च वर्षा की स्थिति और मध्यम से भारी मिट्टी के लिए उपयुक्त है। यह किस्म अजैविक और जैविक दबावों की घटनाओं में भी मध्य क्षेत्र में सोयाबीन उत्पादन की स्थिरता के संबंध में बहुत उपयुक्त होगी।
अन्त में केन्द्र के संजय कुमार धाकड़, कार्यक्रम सहायक ने प्रक्षेत्र दिवस में उपस्थित सभी कृषक एवं कृषक महिलाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।