मिनी सचिवालय के पोर्च को छत डालते समय निर्माणाधीन छत गिरी
आधा दर्जन मजदूर घायल, तीन मजदूरों को कोटा किया रेफर तीन को प्राथमिक उपचार के बाद दे दी छुट्टी,
मजदूरों के पास सुरक्षा के नहीं थे बंदोबस्त, प्रशासनिक, पुलिस , व पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पहुचे मौके पर।
स्मार्ट हलचल/इस्लाम खान
हिंडोली शुक्रवार को मिनी सचिवालय का आगे पोर्च की छत डालते समय निर्माणाधीन छत गिर गई जिससे उसमें काम कर रहे मजदूर घायल हो गए जिन्हें मौके पर पहुँची पुलिस ने मलबे से निकालकर उन्हें उपचार के लिए हिंडोली अस्पताल पहुँचाया जिनमे से गम्भीर घायलो को कोटा रेफर किया गया , वही शेष का यहां अस्पताल में ही प्राथमिक उपचार कराया गया ,सूचना मिलते ही पुलिस व।प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँच गए ओर घायलों को अस्पताल पहुँचाया वही मलबे में दबे होने की आशंका के चलते दो जेसीबी मंगाकर तुरंत मलबे को हटाया गया , हालांकि मलबे के नीचे कोई नही मिला , जो गिरने से घायल हुए थे उनको पहले ही निकाल लिया था , जिनमे महिला व एक नाबलिग मजदूर सहित आधा दर्जन घायल थे , छत गिरने की खबर जैसे ही हिंडोली कस्बे में पहुंची जिसने भी सुना वह मिनी सचिवालय की तरफ दौड़े , सबसे पहले मलबे में मजदूर के बारे में पूछा और यह खबर जब प्रशासन को लगी तो एडीएम सुदर्शन सिंह तोमर, तहसीलदार कमलेश कुमार कुलदीप, डीएसपी घनश्याम मीणा, थाना प्रभारी पवन मीणा, सहित स्थानीय प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचे और हादसे के बारे में जानकारी लेकर तुरंत हिंडोली चिकित्सालय पहुंचकर तहसीलदार कमलेश कुमार कुलदीप और डीएसपी घनश्याम मीणा की तुरंत हिंडोली चिकित्सालय पहुंचकर घायलों का प्राथमिक उपचार करा कर गंभीर घायलों को तुरंत एंबुलेंस से कोटा के लिए रवाना कर दिया इसके बाद डीएसपी घनश्याम मीणा दुबारा घटनास्थल पर पहुंचे और तुरंत ठेकेदार से दो जेसीबी मंगा कर मलबे को हटाया और ताकि यह कंफर्म हो सके कि कोई मलबे के नीचे तो नही दबे है और सभी सुरक्षित हैं , ज्ञात रहे कि उपखंड कार्यालय की चार दिवारी में ही मिनी सचिवालय का निर्माण चल रहा है यह निर्माण कार्य रघुबाला कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है ओर शुक्रवार सुबह पोर्च के छत डालते समय 10:20 बजे पर मिनी सचिवालय की मुख्य गेट पर आरसीसी डाली जा रही थी इस समय यह छत गिरने लगी तब पांच छह मजदूर उसके ऊपर ही कार्य कर रहे थे जो उसके साथ ही गिरने लगे और चंद पल में ही छत सहित सभी मजदूर भी गिर गए , धीरे-धीरे गिर गया छज्जा गिरने से आधा दर्जन मजदूर घायल हो गए , काम कर रहे मजदूर विजयपाल सिंह ने बताया कि वह काम कर रहे थे कि अचानक छत गिरने लगी तो उन्हें ऐसे लगा कि अब कैसे बचें तो देखते ही देखते चंद पल में ही वह अन्य मजदूरों के साथ नीचे गिर गए , जिससे अफरा तफरी मच गई, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार छज्जे पर काम करने वाले मजदूरों ने सुरक्षा का एक भी सुरक्षा कवच नहीं पहन रखा था, न तो वो हेलमेट पहने हुए न ही वह जूते पहने हुए थे , सबसे पहले घायलों को तुरंत हिंडोली चिकित्सालय पहुंचाया गया जहां तीन अनिता , कविता , व रमेश घायल है जिनकी हालत गंभीर होने पर उनको तुरंत सरकारी एंबुलेंस से कोटा के लिए रेफर कर दिया है ,जबकि तीन चार अन्य मजदूरों का हिंडोली चिकित्सालय में ही प्राथमिक उपचार कराया गया है
कैसे हुई छत गिरने की घटना ?
अलग अलग दावे
मौके पर देखने पर पता चला कि छत व छत के नीचे बनने वाले बीम एक साथ ही डाले जा रहे थे , जिनकी लंबाई भी 34 फिट व चौड़ाई 24 एंव ऊंचाइ 26 फिट है इस तरह इनमें बीच मे पिलर नही होना भी कारण हो सकता है या फिर छत डालते समय नीचे लगाई गई बल्लियों के नीचे बेस मजबूत नही होना भी कारण हो सकता है जिससे बल्लियों के हिलने से भी यह गिर सकता है वही बीम की ज्यादा लंबाई भी कारण हो सकती है
ये कहना है जिम्मेदारों का
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अधिकारी एम के मुरडिया का कहना है कि पोर्च की छत के लिए जो मिक्स मेटेरियल आ रहा था वह अन्य जगह से टिपर में ।भरकर लाया जा रहा था जो पीछे लेते समय टीपर के पिछले हिस्से के बलियों के टच होने से यह घटना घटित होने की जानकारी मिली है ओर अभी तक उन्होंने जो साइड से रिपोर्ट ली है उसमें यही बात सामने आ रही है बाकी अभी अन्य एंगल से जांच करवाई जा रही है ।
डीएसपी घनश्याम मीणा का कहना था कि सूचना मिलते ही वह तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे ओर देखा तो लगा कि छत व बीम।एक साथ ही डालने से वजन नही झेल पाना, नीचे लगी बलियो के नीचे बेस मजबूत नही होना, भी प्रथम दृष्टया कारण लग रहा है वही इसमें झाबुआ के मामा भील परिवार के गरीब मजदूर काम कर रहे है जिनके पास सुरक्षा के लिए हेलमेट जूते आदि भी उपलब्ध नही थे इस तरह जिम्मेदार लोगो की लापरवाही तो सामने आई है इस मामले में।पुलिस अपने स्तर पर जांच करेगी।