पहाड़ चीरकर प्रकट हुई थी मां सुंदरी, श्रद्धालुओं का लगता हैं लारा
बानसूर। स्मार्ट हलचल/कस्बे के निकटवर्ती ग्राम चूला की पहाड़ी की चोटी में स्थित सुंदरी माता का मंदिर क्षेत्र में आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। नवरात्रों में यहां दूर दराज से आए श्रद्धालुओं का लारा लगता हैं और माता के दर पर मत्था टेक कर श्रद्धालु मन्नतें मांगते हैं और अपनें जात जडूलें उतरवाते हैं। नवरात्रों में मंदिर की विशेष सजावट की जाती हैं औंर माता की अखंड ज्योत जलती हैं। भक्ति मय भजनों के बीच 400 सें भी अधिक सीढियां चढ़कर श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और माता के आगे मत्था टेकर मनोकामनाएं मांगते हैं। किंवदंती हैं कि करीब 500 साल पूर्व सुंदरी माता पहाड़ को चीरकर वहां प्रकट हुई थी तभी से यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। शिक्षाविद प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा ने जानकारी देतें हुए बताया कि नवरात्रि के समय यहां भक्तो की भारी भीड़ लगतीं है। दुर्गा अष्टमी व नवमी को सुंदरी माता का विशाल मेला लगता है। जिसमे श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चें मन से मां के चरणों में अरदास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं सुंदरी माता पूरी करती है। नवरात्रि में मंदिर को विशेष रोशनी से सजाया जाता है। जिससे रात में दूर से मंदिर का एक अदभुत और मनमोहक नजारा दिखाई देता है। श्रद्धालुओं कों मंदिर तक जाने के लिए पहाड़ के बड़े बड़े पत्थरों के बीच से होकर गुजरना पड़ता हैं । तों वही नवरात्रि के समय में भक्तों की तरफ से यहां भंडारे का आयोजन भी किया जाता हैं।