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बरगद के पेड़ से प्रकट हुई 400 साल पुरानी बड़ीराय माता मंदिर तहनाल के भगवानपूरा में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र

शाहपुरा की स्थापना से वर्षो पहले प्रकट हुई बड़ीराय माता फूल और पाती से करती है मनोकामना पूर्ण

तहनाल बड़ीराय माताजी का नवमी से पहला मेला महोत्सव होगा शुरू,शारदीय नवरात्र में नवमी को प्रतिवर्ष लगेगा मेला

एकम से नवमी तक नानी बाई रो मायरा,गरबा महोत्सव,मारवाड़ी खेल,माता जी का खेल नाट्यम सहित अनेक धार्मिक आयोजन हो रहे है

शाहपुरा@(किशन वैष्णव)क्षेत्र के तहनाल ग्राम पंचायत के नजदीक स्थित भगवानपुरा में बरगद के पेड़ से प्रकट हुई मां बड़ीराय में प्रसिद्ध मंदिर में माता रानी की अद्भुत और चमत्कारी मूर्तिया स्थापित है।निज मंदिर में अनपूर्णा माता, मां कालिका,बिजासन और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित है।ग्रामीणों के अनुसार 400 साल पूर्व भगवानपुरा में बरगद के पेड़ से मातारानी की पूर्ति प्रकट हुई थी जिसे बड़ी राय के नाम से जाना जाने लगा और आज भी जिस स्थिति में बरगद से प्रकट हुई उसी स्थिति में माता रानी सहित मूर्तिया विराजित हैं।पुजारी रामलाल गाडरी ने बताया की तालाब के पास स्थित मां बड़ीराय भक्तो की मनोकामनाएं पूर्ण करती है साथ ही पाती और फूल से श्रद्धालुओं के दुख दर्द और मनोकामनाएं पूर्ण करती है।कहा जाता हैं की वर्षो पूर्व मां बड़ीराय की पूजा अर्चना कहार समाज के लोग किया करते थे जिसके बाद गाडरी समाज के पूर्वजों के सपनो में आकर माता रानी ने चमत्कार बताए ओर मनोकामनाएं पूर्ण की जिसके बाद वर्तमान पुजारी रामलाल गाडरी के पूर्वजों ने सेवा अर्चना प्रारंभ की तथा पूर्व में तहनाल गांव माता रानी के पैरा फेरी में स्थित था उसके बाद आपातकाल स्थिति में गांव विलुप्त हो गया और दूसरी जगह तहनाल गांव बस गया।

इस वर्ष से प्रतेक वर्ष मनाया जायेगा मेला महोत्सव,शारदीय नवरात्र की नवमी को भरेगा मेला।

शारदीय नवरात्रि महोत्सव पर्व को लेकर बड़ीराय माता मंदिर में भव्य धार्मिक पूजा पाठ,दुर्गा हवन,गरबा महोत्सव,मारवाड़ी राम लखन खेल, माताजी का नाट्यम सहित अनेक धार्मिक आयोजन हो रहे हैं।जानकारी के अनुसार शारदीय नवरात्रि के प्रारंभ से कलश यात्रा के साथ नवरात्रि महोत्सव में नवग्रह देवी देवताओ की स्थापना की गई जिसमे रोजाना मंडल पूजा,दुर्गा हवन सहित धार्मिक आयोजन हो रहे हैं वही मंदिर प्रांगण में गरबा महोत्सव भी धूम धाम से मनाया जा रहा है।गरबा महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां व पारितोषिक वितरण किए जा रहे हैं।रात्रि में संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया।4 अक्टूबर से नवरात्रि महोत्सव को लेकर बड़ी राय माता मंदिर परिसर में नानी बाई रो मायरो कथा का आयोजन किया जा रहा है कथा में कथा व्यास सूर्य प्रकाश शास्त्री ने बताया की भगवान से सच्चा विश्वास और सच्ची निष्ठा ही मायरे का मूल अर्थ है और कथा वाचक व्यास ने में सभी भक्तों को दान करने की महिमा और भक्ति प्रकट होने की महिमा बताई।नानी बाई के विवाह के प्रसंग सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। कथा श्रवण करते भक्त कभी भावुक हो गए तो कभी भक्ति भाव से झूम उठे। नानी बाई मायरा कथा के प्रसंग सुनाते हुए महाराज ने कहा कि नरसीजी के ब्याई जी ने मायरे की इतनी बड़ी पत्रिका लिखी कि मायरा की पत्रिका के बारे में सुन नानी बाई चिंतित हो गई।वह भावुक होकर आंसू बहाने लगी और अपने पिताजी नरसी जी से मायरे में नहीं आने की विनती करने लगी।कथा का समापन आज होगा।कल 8 अक्टूबर से तेजाजी महाराज का भव्य मारवाड़ी खेल की आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएगी।जो दो दिवसीय मारवाड़ी खेल दिखाया जायेगा।वही शुक्रवार 11 अक्टूबर को माता रात्रि के नवरात्रि महोत्सव को लेकर माता जी का खेल दिखाया जायेगा।राम लखन मारवाड़ी खेल का भी आयोजन होगा।11 अक्टूबर को विशाल भजन संध्या होगी तथा 12 अक्टूबर शनिवार नवमी को विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा जो इस बार से हर वर्ष मेला लगेगा तथा धार्मिक आयोजन की पूर्णाहुति होगी।

शाहपुरा की स्थापना से पहले का माताजी का मंदिर,अद्भुत और चमत्कारी मूर्ति।

तहनाल निवासी समाजसेवी घनश्याम सिंह ने बताया की बड़ीराय माता रानी की वर्षों से ग्रामीणों सहित आस पास के गांवो की मान्यता है यहां सर्व समाज की मातारानी के नाम से मंदिर की पहचान है यहां आने से लोगो की मनोकामनाएं पूर्ण होती है और विशेष पूजा अर्चना रविवार को की जाती है।घनश्याम सिंह ने बताया की पूर्वजों के अनुसार बड़ीराय माता रानी मंदिर शाहपुरा की स्थापना से पूर्व का है इस वर्ष से यहां शारदीय नवरात्र की नवमी पर मेले का आयोजन होगा।पूर्वजों के अनुसार माने तो पुराने समय में तहनाल गांव की उत्पत्ति बड़ी राय माता रानी के पैरा फेरी क्षेत्र से हुई थी और बाद में दूर जाकर मुख्य मार्ग पर बस गया तहनाल और कहा जाता हैं की माता रानी मुख्य रूप से शाहपुरा सहित क्षेत्र के कहार और माली समाज की आराध्य देव मानी जाती है।बड़ी राय माता रानी बहुत की प्रतिमा बहुत पुरानी और चमत्कारिक मूर्ति है यहां राजनेताओं सहित अनेक कारोबार वाले श्रद्धालु मनोकामना लेकर पहुंचते हैं।कहा जाता हैं की शाहपुरा के एक पूर्व विधायक को भी बड़ी राय माता रानी ने फूल दिया था जिसके बाद वो विधायक बने और आज भी उनके परिवारजन की आस्था मातारानी से जुड़ी हुई हैं।

निज मंदिर में 3 बहनों के साथ भगवान गणेश विराजित हैं।

बड़ी राय माता के निज मंदिर में करीब 400 साल पुरानी 3 बहनों सहित भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित है वही निज मंदिर के बाहर भेरू जी का मंदिर स्थापित है।ग्रामीणों का कहना है की नवरात्रि में यहां सैकड़ो श्रद्धालु माता रानी का आशीर्वाद लेने पहुंचे है दर्शन के लिए तांता लग जाता है।

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