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साल के दोनों नवरात्रा मे केवल 9 दिनो तक पर्वत पर स्थित मंदिर में और बाकी नीचे बने मंदिर में होती है पूजा अर्चना

शारदीय नवरात्रा मे शक्तिपीठ बीरामाता मंदिर में लगा मेला, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

मंदिर ऊंचे पर्वत पर होने की वजह से श्रद्धालु सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर पहुंचते हैं माता के दरबार में

दुर्गेश रेगर 

पीपलूंद। स्मार्ट हलचल। शाहपुरा जिले के जहाजपुर उपखंड क्षेत्र से करीब 10 किलोमीटर दूर सरसिया गांव के पास अरावली पर्वतमाला की वादियों में लगभग सैकड़ों मीटर ऊंचे पर्वत पर विराजमान धार्मिक, पौराणिक शक्तिपीठ बीरामाता का मंदिर स्थित है। जहां पर नौ दिवसीय नवरात्रा में दुर्गाष्टमी पर हजारों श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। बीरामाता के ढोक दर्शन करने के लिए जहाजपुर क्षेत्र के अलावा दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर प्रांगण पर पहुंचते हैं। जहां पर शक्तिपीठ बीरामाता का मंदिर ऊंचे पर्वत पर होने की वजह से श्रद्धालुओ को सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर मंदिर प्रांगण पर पहुंचते हैं। जहां पर मातारानी को मुठडी, नारियल, धूप, अगरबत्ती, पकवान, मिठाई, इत्यादि का भोग लगाकर श्रद्धालु अपने परिवार की सुख समृद्धि व खुशहाली एवं अनेक मनोकामना के साथ श्रद्धालु हाथ जोड़कर प्रार्थना व ढोक दर्शन करते हैं। नवरात्रा में दुर्गा अष्टमी को दोपहर 1 बजे बीरामाता की मंगला आरती कर श्रद्धालुओं में मिठाई व प्रसादी का वितरण करते है। शक्तिपीठ बीरामाता का मंदिर आस्था का केंद्र होने की वजह से नवरात्रा में दुर्गा अष्टमी को बीरामाता का भव्य मेला लगता है। मेले में हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं की काफी भारी भीड़ मेला देखने के लिए उमड़ती है। नवरात्रा में श्रद्धालु दूर-दूर से डीजे के साथ में माता रानी के भजनों पर नाचते झूमते हुए श्रद्धालु पैदल पैदल बीरामाता मंदिर पर ढोक दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। नवरात्रा में सुबह से ही मंदिर परिसर पर दिनभर श्रद्धालुओं का आने जाने का तांता लगा रहता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार मंदिर के पुजारी नंदलाल मीणा ने बताया कि शक्तिपीठ बीरामाता मंदिर में पूजा अर्चना प्रतिवर्ष के दोनों नवरात्रा के 6 महीने में केवल 9 दिवसीय नवरात्रा में 9 दिनों तक पहाड़ी पर स्थित मंदिर में होती हे। बाकी 6 महीने तक पहाड़ी से नीचे बने मंदिर में होती है पूजा अर्चना । दूर-दूर से शारीरिक बीमारी से पीड़ित श्रद्धालु और विषैले जीव सांप, बिच्छू, गोयरा, जैसे इत्यादि जहरीले कीट, कीट, सहित पागल कुत्ते के काटने पर भी माता रानी के दरबार में पीड़ित श्रद्धालु पहुंचकर माता रानी के चमत्कार से विषैले जीव और जहरीले कीट के प्रकोप से ग्रसित पीड़ित व्यक्ति भी शारीरिक बीमारी से स्वस्थ हो जाते हैं | शक्तिपीठ बीरामाता का मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र होने की वजह से नवरात्रा में हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मेला देखने के लिए उमड़ती है। और वही पर मंदिर प्रांगण पर लगी दुकानों से श्रद्धालु खरीदारी करते हैं।

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