बीगोद@स्मार्ट हलचल/ इस दिवाली कुम्हारों के घर भी दीपक से हो रौशन|दीपावली पर धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी के दीपक बनाने वाले कुम्हारों के चाक ने गति पकड़ ली है। कस्बे सहित क्षेत्र में स्थित कुम्हारों की बस्ती में उनके परिवार मिट्टी का सामान तैयार करने में व्यस्त हैं।
घरों में मिट्टी के दीपक, मटकी आदि बनाने के लिए माता- पिता के साथ उनके बच्चे भी हाथ बंटा रहे हैं। कोई मिट्टी गूंथने में लगा है तो किसी के हाथ चाक पर मिट्टी के बर्तनों को आकार दे रहे हैं। महिलाएं आवा जलाने व पके हुए बर्तनों को व्यवस्थित रखने की जिम्मेदारी निभा रही है।
इसके साथ ही महिलाएं रंग बिरंगे रंगों से बर्तनों को सजाने में जुटी हैं। दीपावली पर्व पर धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं।
प्रजापति कुम्हार युवा समाज के सुरेश कुम्हार ने बताया की दीपावली और गर्मी के सीजन में मिट्टी से निर्मित बर्तनों की मांग जरूर बढ़ जाती है। लेकिन बाद के दिनों में वे मजदूरी करके ही परिवार का पेट पालते हैं। पहले 70-80 परिवार मिट्टी के बर्तन बनाते थे अब कुछ परिवार ही यह काम करते है।
ग्रामीण तालाब से मिट्टी लेने नही देते है और दूर से मिट्टी लाना और महंगी लकड़ी खरीदकर दीपक पकाने में जो खर्च आता है ओर उसके विपरीत आमदनी लगातार घटती जा रही है। घर के सदस्य दिन रात मेहनत करके दीपक बना पाते हैं।
वहीं दूसरी ओर बाजारों में चायनीज दीये, इलेक्ट्रानिक्स झालरों की चमकदमक के बीच मिट्टी के दीपक की रोशनी धीमी पड़ती जा रही है। जिसके चलते लोग दीपक का उपयोग महज पूजन के लिए ही करने लगे हैं। इस कारण उन्हें अपनी मेहनत का उचित मेहनताना नहीं मिल रहा। यही कारण है की मिट्टी के बर्तन और दीपक बनाने के लिए समाज में लोगो की संख्या लगातार घटती जा रही है।
मिट्टी के दीपक खरीदने की अपील
प्रजापति कुम्हार समाज ने इस दिवाली लोगो को मिट्टी के दीपक खरीदने की अपील करते हुए चाइनीज वस्तुओं के बहिष्कार करने की मांग भी की है।