भव्य गोवर्धन झांकी को देखने उमड़ा जनसैलाब, परिक्रमा कर भक्त हुए आत्मविभोर
कोटा। स्मार्ट हलचल/मुकुंदरा विहार स्थित हरे कृष्ण मंदिर में शनिवार को भक्तिभाव से गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय लीलाओं में से एक, गोवर्धन लीला का उत्सव भव्यता के साथ मनाया गया। आयोजन के दौरान भक्तों ने अपार श्रद्धा और उत्साह के साथ भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना की।
मंदिर के उपाध्यक्ष, राधाप्रिय दास जी महाराज ने बताया कि यह आयोजन वास्तव में ऐतिहासिक था, जिसमें हजारों भक्तजन शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में विशेष गौपूजा का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तजनों ने गाय माता की पूजा कर पुण्यलाभ अर्जित किया। इसके पश्चात, भक्तों ने गोवर्धन पूजा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और कृतज्ञता प्रकट की।
भगवान की लीलाओं का एलईडी स्क्रीन पर प्रदर्शन
इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण और बलराम की लीलाओं का प्रदर्शन एलईडी स्क्रीन पर किया गया, जिससे भक्तजन भगवान की अद्भुत लीलाओं का आनंद ले सकें। गोबर से निर्मित गोवर्धन जी की विशेष झांकी भी प्रस्तुत की गई, जिसके दर्शन कर भक्तजनों ने अपने मन को संतोषित किया। इसके अलावा, भगवान श्री श्री गौर निताई का पालकी उत्सव भी धूमधाम से आयोजित किया गया, जिसमें भक्तजन भक्ति और उल्लास के साथ भाग लेते दिखे।
दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
मंदिर के उपाध्यक्ष राधाप्रिय दास जी महाराज ने बताया कि 8 से 10 फीट ऊंचे गोवर्धन पर्वत की भव्य झांकी को देखने के लिए कोटा शहर के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। उन्होंने गोवर्धन जी की पूजा की और परिक्रमा कर ठाकुर जी के प्रति अपनी भक्ति और आभार प्रकट किया। इस भव्य झांकी को बनाने में लगभग 10 दिन का समय लगा। इस झांकी को वृंदावन के गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा जितनी ही उल्लास और भक्ति भाव से भक्तो ने दर्शन किए। कृष्ण की एक अंगुली पर टिके गोवर्धन पर्वत और नीचे उत्साहित गोकुलवासियों की झांकी को सभी ने सरहाया इस झांकी की रमणीयता देखते ही बनती थी।
महाआरती और अन्नकूट महाप्रसाद का आयोजन
महाआरती के दौरान भक्तों ने दीपदान किया गया और भगवान श्रीकृष्ण की शरण में अपनी आस्था को नवीनीकृत किया। भक्तजनों की भक्ति और आनंद के लिए आतिशबाजी भी की गई। अंत में सभी भक्तों के लिए अन्नकूट महाप्रसाद का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों भक्तों ने श्रद्धाभाव से प्रसाद ग्रहण किया।
भक्ति और श्रद्धा का अनुपम अनुभव
गोवर्धन पूजा का यह आयोजन भक्तजनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था। इसने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से प्रेरणा लेकर उन्हें अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक संतोष का अवसर था बल्कि भक्तों के लिए भगवान श्रीकृष्ण के प्रति समर्पण और भक्ति को और मजबूत करने का एक विशेष अवसर भी सिद्ध हुआ।