महिलाओ,बच्चो को भी लाठियो से मारा, डेढ़ दर्जन लोगो के खिलाफ घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया,आधा दर्जन नामजद
महात्मा गांधी भीलवाड़ा में चल रहा मुकेश का इलाज,परिवार के सदस्य सहमें
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)फुलिया कलां पुलिस को रिपोर्ट देने के बाद भी कार्यवाही नही करना एक परिवार के लिए भारी पड़ गया।रिपोर्ट देने के 4 दिन बाद घर में घुस कर हरिजन परिवार के सदस्यो को डेढ़ दर्जन लोगो ने घर से घसीटकर बाहर निकाला और महिलाओ बच्चो और पुरुषों के साथ लाठियो से गंभीर मारपीट कर जान से मारने की कोशिश की गई।जिसमे परिवार की महिलाएं,बच्चे सहित पुरुष गभीर घायल हो गए।वही लाठियो से परिवार की बेरहमी से पिटाई की गई ।जानकारी के अनुसार खामोर निवासी महावीर हजरीजन के गांव में ही सुअर खुले छोड़ रखे हैं 27 अक्टूबर को गांव के ही पप्पू हरिजन ने कनेछन कला के धर्मू पिता कन्हैया लाल हरिजन व ईश्वर पिता कन्हेया लाल हरिजन को सुअर पकड़ कर बेच दिए थे।सुअर पकड़ने के दौरान महावीर हरिजन की एक मादा सुअर जिसके फंदा लगा हुआ था दौड़ कर घर आया तो महावीर व उसके भाई मुकेश को शंका हुई की हमारे जानवरो की चोरी करने की कोशिश की जा रही है।चोरी की आशंका से दोनो भाईयो और परिजनों ने सुअर की गिनती करना प्रारंभ किया।जिसके बाद 3 मादा सुअर कम पाए गए थे। अपने सुअर चोरी होने की बात को लेकर उक्त अभियुक्तगणों को ओलबा दिया तो उल्टा पीड़ित के साथ गाली गलोच की तथा मारपीट करने की धमकियां दी।जिसकी रिपोर्ट 28 अक्टूबर को फुलिया कलां पुलिस को दी गई लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही नही करने की वजह से अभियुक्तगणों के हौसले बुलंद हो गए और शनिवार को डेढ़ दर्जन लोगो ने लकड़ियों से घर में घुस कर महिलाओ,बच्चो सहित पुरुषो के साथ गंभीर मारपीट की।मारपीट में महावीर पुत्र सोहन हरिजन,मुकेश पुत्र सोहन हरिजन सहित महिलाए व बच्चे घायल हो गए।मुकेश के साथ गंभीर मारपीट के बाद पैर टूट गया।जिसका भीलवाड़ा महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार चल रहा है।जिसके बाद रविवार को पुलिस ने मारपीट मामले में महावीर की रिपोर्ट पर 6 नामजद और 15 अन्य लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया।घटना के बाद महावीर हरिजन व उसके भाई का परिवार सहमे हुए हैं।महावीर ने बताया की कार्यवाही नही हुई तो हमारे साथ कोई भी अप्रिय घटना कारित हो सकती है।
कार्यवाही करती पुलिस तो नही होती गंभीर मारपीट।
चोरी का उलाहना देते समय महावीर के साथ हुई गाली गलौज और मारपीट की घमकिया देने की रिपोर्ट 28 अक्टूबर को पीड़ित द्वारा दी गई थी जिसके बाद अगर पुलिस अभियुक्तगणों को पाबंद करती या कार्यवाही करती तो इस प्रकार की गंभीर मारपीट की घटना नही होती।मामले को लेकर थानाधिकारी देवराज सिंह से जानकारी लेने पर यह कह कर मामले में लीपापोती कर दिया की त्योहार की वजह से एक पुलिसकर्मी को भेजा था,लेकिन सवाल ये उठता है की पुलिस अगर प्राथमिक रिपोर्ट पर ही कार्यवाही करती या पाबंद करती तो पीड़ित परिवार के साथ घटना कारित नही होती।
इनका कहना
∆. 28 को रिपोर्ट दी गई थी,त्योहारों की वजह से पुलिसकर्मी को भेजा था।
थानाधिकारी देवराज सिंह,फुलिया कलां
∆.मामले में रिपोर्ट दी क्या में दिखवाता हूं।
राजेश आर्य
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,शाहपुरा
∆.जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाई की जायेगी।
धर्मेंद्र सिंह
पुलिस अधीक्षक,भीलवाड़ा