—->पीड़ित परिवार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही किया हुआ है मतदान का बहिष्कार ।
महेंद्र कुमार सैनी
स्मार्ट हलचल/नगर फोर्ट तहसील क्षेत्र के घाड़ निवासी महावीर प्रसाद भाट दस साल से परिवाद पर परिवाद पत्र पेश कर मांग रहा है न्याय,भ्रष्ट सिस्टम में नहीं हो पाई सुनवाई।जिम्मेदार अपने मातमों की रिपोर्ट को ही बार बार सत्य मानकर परिवादी को ही झूठा वह आदतन शिकायत करने वाला घोषित कर के झाड़ रहे पल्ला।परिवादी ने लिखा की मंदिर की मोटर पर 2016 में तत्कालीन सरपंच उर्मिला देवी ने घाड़ थाना पुलिस के सहायक सब निरीक्षक राजेंद्र कुमार की राठोड़ी में मदद लेकर किया कब्ज़ा।जांच अधिकारी का हर बार जवाब देखने लायक जिसे कभी किसी जिम्मेदार अधिकारी ने देखा ही नहीं।क्या सरपंच को राठोड़ी में पुलिस की मदद लेकर मंदिर से स्टार्ट निकलवाने का अधिकार है।बिना पुजारी एवं हमारी मर्ज़ी के मोटर क्यों डाली और उसके बाद भी मोटर को निकालकर अपने बाहर लगे हुए हैंड पंप में क्यों नहीं डाली गई।जबकि मोटर निकालकर ले जाने के लिए वकील का नोटिस तक तत्कालीन सरपंच को दिया था। गांव में लगाई गई उन मोटरों में कितनी मोटर पर पंचायत ने अधिकृत बिजली के कनेक्शन लिए हुए हैं।क्या मंदिर की मोटर से सभी मोहल्ले के संगठित लोगों ने अपने अपने घरों में पाइप लाइन डालकर ले जाने का सरकारी नियम बनाया हुआ है।एक मकान नहीं था सभी आरोपियों की संगठन ने मंदिर की मोटर पर कब्ज़ा इसलिए किया ताकी मंदिर मालिक मंदिर को छोड़कर चले जाएं।मंदिर की जमीन पर कब्जा करने वाले आरोपी के पक्ष वह उसके बचाव के लिए मोटर पर कब्ज़ा किया गया था ताकी परिवादी से किसी प्रकार से झगड़ा किया जाता रहे।आठ साल में किसी भी त्यौहार,जन्माष्टमी पर्व,जलबिहार एकादशी पर्व,यहां तक की दीपावली पर्व पर भी मंदिर इस संगठित माफिया के कारण नहीं हुई कभी मंदिर की धुलाई।इनके मकानों की धुलाई,गाड़ियां यहां तक कि गर्मी में इनके बाहर के रोड की भी धुलवाई होती हैं,कुछ आरोपी तो खेती भी करते हैं।तत्कालीन सरपंच ने चुनाव लड़ते समय शपथ पत्र दिया था मेरे शौचालय है और में उसका उपयोग करता हूं,लेकिन चुनाव जीतने के बाद खुद के साथ अन्य वार्ड पंचों को भी शौचालय निर्माण योजना में अनुदान दिया।अनेक बार शिकायत के बाद भी झूठा शपथ पत्र देने का मामला प्रशासन ने दर्ज क्यों नहीं कराया।
2019 में मंदिर के पास रहने वाले एक लड़के ने मंदिर के नीचे बने हुए स्टोर रूम का ताला तोड़कर दूनी क्षेत्र की एक लड़की को चार पांच दिनों तक रखा जब दूनी पुलिस उन्हे बरामद करके ले जाने पर जानकारी हुई।ताला तोड़कर रहने की शिकायत पुलिस अधीक्षक से करने पर जांच के लिए पुलिस की जगह ग्राम पंचायत का प्रतिनिधि मंडल गया जिसकी जानकारी परिवादी को बाद में मिली लेकिन उसमें भी हमारे जिम्मेदार जांच अधिकारी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।पहले भी मंदिर की पट्टा सुदा ज़मीन पर आवास योजना में मकान बनाया जा रहा था शिकायतों के बाद भी इन्हीं जिम्मेदार भ्रष्टाचारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की मामला न्यायालय में करने के उपरांत भी आवास योजना का भुगतान किया।
मंदिर के पीतल के बरतनों को बिना इजाज़त बेचकर अन्य बर्तन लाकर उन पर ब्रह्म भाट समाज का नाम लिखवा लिया,जबकि बर्तन मंदिर गोविंददेवजी भगवान के थे।अनेक बार सीएम कार्यालय से भी ज़िला कलेक्टर को पत्र लिखे गए ज़िला कलेक्टर,संभागीय आयुक्त को भी प्रार्थना पत्र दिया गया या तो सम्पर्क पोर्टल पर डालकर निस्तारण किया जाता हैं या गोलमाल जवाब लिखकर निस्तारण किया जाता रहा कार्यवाही किसी ने नहीं की।अनेक बार मंदिर पर चोरियां होने के भी बाद भी मामला दर्ज नहीं करना,मंदिर की निर्माण सामग्री ले जाना,मंदिर पर रात में ऊपर जाकर पट्टी तोड़ना, सहित मंदिर की पड़त पड़ी हुई ज़मीन पर देव देवता को बिना प्रतिष्ठा के स्थापित करके कब्ज़ा करने पर कार्यवाही की जगह संख्याबल के कारण उन्हें सरंक्षण दिया जाता रहा है।लोकसभा चुनावों से पूर्व परिवादी ने किया था चुनाव बहिष्कार की घोषणा,भगवान के मंदिर की ज़मीन न्यायालय में चल रहे मामले को छोड़कर बाकी जमीन को नहीं करवाई जाती मुक्त वह आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं,तब तक नहीं किया जाएगा किसी को मतदान।