समर्थ कुमार सक्सेना
लखनऊ।स्मार्ट हलचल/राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 2.0 के क्रम में शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नरेन्द्र बहादुर सिंह के निर्देश पर नवयुग कन्या विद्यालय इण्टर कॉलेज एवं गोपीनाथ लक्ष्मणदास रस्तोगी इण्टर कॉलेज में छात्र-छात्राओं को तम्बाकू से बचाव की जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. रवि पाण्डेय ने बताया की जिला तम्बाकू नियंत्रण टीम ने तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि तम्बाकू और उसके उत्पादों के सेवन से कैंसर सहित टीबी, डायबिटीज, लकवा, फेफड़े एवं साँस सम्बन्धी रोग हो सकते हैं। खैनी, जर्दा, बीड़ी, सिगरेट, मावा, मिसरी, हुक्का एवं गुल सभी में 4000 से अधिक विषैले और कैंसर पैदा करने वाले तत्व होते हैं | इसलिए तम्बाकू या किसी भी तरह के उत्पाद का सेवन न तो स्वयं करें और न ही करने दें | जो लोग सिगरेट, बीड़ी या हुक्के का सेवन करते हैं तो उनका स्वास्थ्य तो प्रभावित होता ही है | इसके धुंयें से आस पास के लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है जिसे पैसिव स्मोकिंग कहते हैं। जो लोग लम्बे समय तक पैसिव स्मोकिंग के सम्पर्क में रहते हैं उनमें भी धूम्रपान करने वालों की तरह कैंसर, ह्रदय रोग सम्बन्धी बिमारियों सहित अन्य बीमारियाँ होने की सम्भावना अधिक होती है |
कार्यक्रम में सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा), 2003 की धाराओं के बारे में जानकारी देते हुये बताया गया कि 18 साल से कम आयु के व्यक्ति को और व्यक्ति के द्वारा तम्बाकू बेचना, तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर तथा शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तम्बाकू बेचना पूर्णतया प्रतिबंधित है | इस अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रूपये तक के आर्थिक दंड का भी प्रावधान है। इसके अलावा अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर अर्थदंड या कारावास का प्रावधान है |
इसके साथ ही तम्बाकू नियंत्रण केंद्र के बारे में भी बताया गया।
इस मौके पर विद्यार्थियों को तम्बाकू का सेवन न करने अपने परिवार के सदस्यों तथा समाज के लोगों को भी सेवन न करने देने का संकल्प दिलाया गया।
इस कार्यक्रम में जिला तम्बाकू नियंत्रण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिंह यादव द्वारा जानकारी दी गयी।