जेईएन एवं पटवारी की समझाइस पर भी नहीं माने लोग
सूरौठ।स्मार्ट हलचल/तहसील क्षेत्र में बिजली तंत्र मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की ओर से गांव खिजूरी की जमीन में बनाए जा रहे 132 केवी बिजली स्टेशन के स्थान का नाम बदलवाने की मांग को लेकर खिजूरी के ग्रामीणों की ओर से शुरू किया गया अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को चौथे दिन भी जारी रहा। बिजली निगम के सूरौठ कनिष्ठ अभियंता मनोज बैरवा एवं स्थानीय पटवारी नेमीचंद शर्मा ने धरना स्थल पर पहुंच कर समझाइश की लेकिन धरने पर बैठे लोग धरना समाप्त करने के लिए राजी नहीं हुए। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तब तक धरना जारी रहेगा।
गांव खिजूरी में निर्माणाधीन 132 केवी बिजली स्टेशन परिसर में चल रहे धरना स्थल पर रमन सिंह डागुर, धर्मवीर डागुर, हरिसिंह ,रामवीर, महिपाल डागुर, हेतराम, छगन जाटव, मनीराम जाटव, दिनेश जाटव, दीवान सिंह, समयसिंह सुवालाल, सोरंगा, गणपत जांगिड़, रामस्वरुप जांगिड़, विजय सिंह ,बलवीर, अनूप सिंह सहित सर्व समाज के काफी लोग पिछले 4 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सूरौठ तहसील क्षेत्र के करीब 50 गांवों में बिजली व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार की ओर से मंजूर किए गए 132 के वी बिजली स्टेशन के निर्माण करने के लिए जिला प्रशासन ने राजस्व गांव खिजूरी की सरकारी भूमि में से करीब 13 बीघा भूमि आवंटित की थी। आवंटित भूमि में बिजली निगम के अधिकारियों ने 132 केवी बिजली स्टेशन का निर्माण भी शुरू कर दिया है। खिजूरी की जमीन में बनने के बाबजूद भी राज्य सरकार की ओर से गांव ढिंढोरा के नाम से बिजली स्टेशन बनाया जा रहा है। राज्य सरकार ने 132 केवी बिजली स्टेशन की मंजूरी भी ढिंढोरा के नाम से की है। ग्रामीणों ने राज्य सरकार से बिजली स्टेशन के स्थान का नाम ढिंढोरा से बदल कर खिजूरी करने, खिजूरी के लिए अलग से फीडर बनाने एवं किसानों को सिचाईं के लिए दिन में बिजली देने की मांग की है। धरना स्थल पर पहुंचे कनिष्ठ अभियंता मनोज बैरवा एवं पटवारी नेमीचंद शर्मा ने ग्रामीणों से समझाइस की लेकिन ग्रामीण धरना समाप्त करने के लिए राजी नहीं हुए।