भीलवाड़ा । जिला कलेक्टर नमित मेहता के निर्देशानुसार राज्य सरकार द्वारा बाल श्रम उन्मूलन के लिए जारी एसओपी के तहत जिले में बाल श्रम मुक्त के लिए बाल अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग, मानव तस्करी विरोधी इकाई, प्रताप नगर पुलिस स्टेशन एवं चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए 15 प्रतिष्ठानों पर जांच कार्यवाही की गई जिसमें से 6 प्रतिष्ठानों से 10 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाए गए। जिले में बाल श्रमिकों को मुक्त करने के लिए यह कार्यवाही की गई की गई जिस पर जे बी एन कच्ची घानी से 2 बाल श्रमिक, श्री देव ऑटो रिपेयर से 2 बाल श्रमिक, बालाजी कार वाश से 3 बच्चे एवं वीर तेजा ऑटो रिपेयर से 1 बाल श्रमिक, भेरू नाथ कार डेकोर से 1 बाल श्रमिक, एमआरएफ टायर से 1 बाल श्रमिक से श्रमिक को मुक्त करवाया गया एवं महालक्ष्मी गजक भंडार आरजीया, पालड़ी में स्थित चदर फैक्ट्री एवं चारभुजा सर्विस सेंटर पर कार्यवाही करते हुए बाल श्रमिक नहीं रखने हेतु पाबंद किया गया । उक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में श्रम विभाग के श्रम निरीक्षक मधुबाला जाट, आशीष यादव, शिव प्रसाद, मनीष शर्मा, मानव तस्करी विरोधी इकाई के प्रभारी बाबू लाल, हेड कास्टेबल मुकेश कुमार एवं सलीम मोहम्मद, चाइल्ड हेल्पलाइन से हेमंत सिंह सिसोदिया, निर्मला पुरोहित, राधेश्याम गुर्जर, राजेश कुमार, शिवराज खटीक, अरविंद वर्मा , प्रताप नगर पुलिस स्टेशन के बाल कल्याण अधिकारी उदय लाल एवं पुलिस प्रताप नगर मौजूद रहे। उक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष चंद्रकला ओझा, सदस्य विनोद राव के समक्ष प्रस्तुत किया गया, बाल कल्याण समिति ने बच्चो को आश्रय देते आश्रय गृह में रखवाया। बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक मोहम्मद अशफाक खान को बच्चो ने बताया कि वह उक्त प्रतिष्ठानों पर बाल श्रम कर रहे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में मुक्त करवाए गए बाल श्रमिक के देखरेख एवं संरक्षण हेतु एवं प्रतिष्ठानों के मालिक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने हेतु विस्कृत जांच की जा रही है।