यूपी, एमपी और महाराष्ट्र में आइसक्रीम की लोरी चलाकर काट रहा था फरारी
भीलवाड़ा/जयपुर ( पुनित चपलोत ) । एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने उदयपुर के जिला कलेक्टर एवं बांसवाड़ा के सेशन न्यायाधीश एवं एसडीएम के सरकारी निवास एवं नर्सरी के गार्ड को बंधक बना मारपीट कर चंदन के पेड़ों की चोरी कर तस्करी करने के मामले में करीब 9 सालों से फरार चल रहे शातिर चंदन तस्कर कालूराम जाट पुत्र सोनाथ निवासी हरनी कला थाना कोतवाली जिला भीलवाड़ा को डिटेन कर लिया। जिसे अग्रिम कार्रवाई के लिए बांसवाड़ा जिले की कोतवाली थाना पुलिस को सौंप दिया गया है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स श्री दिनेश एमएन ने बताया कि वांछित अपराधियों एवं आपराधिक गिरोह पर निगरानी के लिए उपमहानिरीक्षक पुलिस श्री योगेश यादव एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ शर्मा के सुपरविजन में गठित एजीटीएफ की विभिन्न टीमों को आसूचना संकलन के लिए प्रदेश के विभिन्न शहरों में रवाना किया गया है।
एडीजी श्री एमएन बताया कि पुलिस निरीक्षक राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में उप निरीक्षक प्रताप सिंह एवं कांस्टेबल विजय सिंह व गोपाल लाल की एक टीम पश्चिम राजस्थान में आसूचनाओं का संकलन कर जानकारी जुटा रही थी। चंदन के पेड़ों की चोरी कर तस्करी के मामले में बांसवाड़ा जिले के थाना कोतवाली में वांछित 25 हजार रुपये का इनामी व उदयपुर जिले के भूपालपुरा थाने का स्थाई वारंटी कालूराम जाट 9 साल से फरार चल रहा था। इस पर बांसवाड़ा जिले में तीन एवं उदयपुर जिले में चंदन के पेड़ों की चोरी का एक मुकदमा दर्ज है।
श्री एमएन ने बताया कि टीम ने आरोपी के बारे में जानकारी जुटा इसकी गतिविधियों पर नजर रखना शुरू किया। इसी दौरान टीम के सदस्य कांस्टेबल विजय सिंह एवं गोपाल धाबाई एवं डीएसटी भीलवाड़ा के कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह को इसके बारे में इनपुट प्राप्त हुए। इस पर इंस्पेक्टर राम सिंह मय टीम द्वारा सूचना को पुख्ता किया गया। भीलवाड़ा जिले में कोतवाली थाना अंतर्गत तेजसिंह सर्कल से बड़ी मुश्किल आरोपी को डिटेन किया गया, जिसे अग्रिम कार्रवाई के लिए थाना कोतवाली बांसवाड़ा को सुपुर्द किया जा चुका है।
गिरफ्तार आरोपी कालूराम जाट काफी शातिर किस्म का है। पुलिस से बचने के लिए आरोपी ने अपने पास मोबाइल रखना भी छोड़ दिया। अपने गांव, परिजनों एवं रिश्तेदारों से किनारा कर यूपी, एमपी और महाराष्ट्र में आइसक्रीम की लोरी चलाकर फरारी काट रहा था। कभी-कभी रात के अंधेरे में छुपते-छुपाते परिजनों से मिलने आता और सुबह होने से पहले वापस निकल जाता।
एडीजी ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन एवं इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में एजीटीएफ के कांस्टेबल विजय सिंह एवं गोपाल धाबाई एवं डीएसटी भीलवाड़ा के कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह की विशेष भूमिका रही।