प्रयागराज में गंगा पर बन रहे रेल पुल का निरीक्षण, सुश्री सौम्या माथुर ने दिए गुणवत्ता पूर्ण कार्य के निर्देश
स्मार्ट हलचल यूपी/वाराणसी।प्रयागराज महाकुंभ- 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार और पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सुश्री सौम्या माथुर ने 26 अक्टूबर, 2024 को झूंसी-प्रयागराज रामबाग के मध्य गंगा नदी पर निर्माणाधीन रेल पुल और प्रयागराज रामबाग व झूंसी स्टेशनों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के ईडी संजीव कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण अभय कुमार गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव और रेल विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रदीप गौड़ समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
महाप्रबंधक सुश्री सौम्या माथुर ने कुम्भ मेले के दृष्टिगत रेल यात्रियों को सुविधाएं देने के लिए चल रहे कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने विकास कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए शेष कार्यों को तय समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। सुश्री माथुर ने कहा कि प्रयागराज-रामबाग और झूंसी स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
निरीक्षण के दौरान झूंसी-प्रयागराज रेल खंड पर बन रहे 2 किलोमीटर लंबे महत्वपूर्ण रेल पुल का ट्राली निरीक्षण किया गया। पुल में 76.2 मीटर स्पान के 24 गर्डर लगाए गए हैं और इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इस खंड का विद्युतीकरण और दोहरीकरण कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।
रामबाग स्टेशन पर नवनिर्मित यात्री आरक्षण केंद्र, टिकट काउंटर, प्रतीक्षालय, अस्थाई फूड स्टॉल, फुट ओवर ब्रिज और सीसीटीवी सर्विलांस जैसी सुविधाओं का भी निरीक्षण किया गया। झूंसी स्टेशन पर सेकंड एंट्री, हाई मास्ट लाइट, बाउंड्री वॉल और यात्री प्रतीक्षालय की व्यवस्थाओं को परखा गया।
महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए बनारस-प्रयागराज रेल खंड पर विशेष जोर दिया गया है। 113.59 किलोमीटर खंड का विद्युतीकरण और दोहरीकरण 1600 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। इसके माध्यम से कुम्भ मेले के दौरान तीर्थयात्रियों के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन तेज गति से संभव होगा।
रेलवे की इन तैयारियों से न केवल यात्रियों की यात्रा सुगम होगी, बल्कि क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से प्रयागराज और वाराणसी के बीच तीर्थयात्रियों और स्थानीय यात्रियों के लिए यात्रा समय में कमी आएगी। जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी।