भीलवाड़ा/”फूल नहीं चिंगारी है, हम भारत की नारी है”, यह महिलाओं के लिए सिर्फ एक नारा नहीं है बल्कि यह तस्वीर महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण भी पेश कर रही है। यह नजारा शहर के कुवाडा खान रोड से कैद किया गया है। जहां डिवाइडर पर टाईल्स (कर्व स्टोन) लगाने का कार्य चल रहा है। यहां पर सीमेंट का मसाला बनाने से लेकर नाप चौक कर के टाईल्स लगाने का काम भी महिला श्रमिक बखुबी कर रही है। साथ ही इन महिला श्रमिकों के हुनर ये भी साबित किया है की महिला सिर्फ घरेलू कामकाज के लिए ही नहीं है, बल्कि अपने दो हाथों से पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम भी कर सकती है। चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो। वर्तमान हो या निवर्तमान अधिकांश सरकारें नारी उत्थान व महिला सशक्तिकरण के नारे तो देती हैं परंतु कभी महिला स्वावलंबी बनने के लिए कार्य नहीं करती हैं। वो सिर्फ महिलाओं को केवल करवा चौथ, रक्षाबंधन व भाई दूज की छुट्टियां और रोडवेज बसों में निशुल्क सफर की सौगात देकर उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश करती हैं। लेकिन कई निजी क्षेत्रों में संविदा पर लगी महिलाओं को सम्मानजनक वेतन मिले ऐसे प्रयास कभी नहीं करती हैं। जिसके चलते निजी क्षेत्रों में महिलाएं सामाजिक, लैंगिक व आर्थिक तौर पर शोषण का शिकार होती हैं।