स्मार्ट हलचल/
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान क्या था विवादित बयान ?
जाने- गृहमंत्री अमित शाह के विवादित बयान के बाद किसने क्या कहा ?
मदन मोहन भास्कर
स्मार्ट हलचल/संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में संविधान पर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खड़े हुए और अपनी बात रखने लगे। बात रखने के दौरान ही अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को लेकर बयान विवादित दे दिया। जिसके बाद तो मानो तूफान आ गया और क्यों ना आए क्योंकि जिस संविधान की बजह से गृहमंत्री का पद हासिल हुआ है, उसी और टिप्पणी कर दी । इसके बाद तो सभी विपक्षी पार्टियों ने एक साथ अमित शाह और बीजेपी पर हमला बोलना शुरू कर दिया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने अमित शाह ने माफी मांगने के साथ उनके इस्तीफे की मांग कर दी। तो वहीं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख कु.मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों पर हमला बोला दिया । इसके बाद पूरे भारत में अमित शाह के खिलाफ नारेबाज़ी और प्रदर्शन शुरू हो गये । दलित समुदाय, संस्थान,संस्थाएँ सहित सभी लोग अमित शाह से माफी और इस्तीफा देने मागने की माँग करने लगे ।
क्या था गृहमंत्री अमित शाह का विवादित बयान ?
राज्यसभा में मंगलवार को संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा था कि ‘आजकल अंबेडकर का नाम लेना एक फ़ैशन बन गया है, अब ये एक फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर,अंबेडकर,अंबेडकर….इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता’ । इस अशोभनीय विवादित टिप्पणी के पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये जिनका थमने का कोई रास्ता नहीं आ रहा है । लोग कह रहे हैं कि जब तक अमित शाह माफी नहीं माँगेंगे तब तक चुप नहीं बैठेंगे और देश के कोने कोने में प्रदर्शन करेंगे ।
इस अपमान का बदला जरूर लेंगे, मेरी बात को याद रखना – आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि इस अपमान का बदला जरूर लेंगे, मेरी बात को याद रखना। गृहमंत्री शाह का बयान परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबडेकर के ऐतिहासिक योगदान और सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष का अपमान है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम लेना कोई ‘फैशन’ नहीं है, बल्कि यह समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक परिवर्तन की उस क्रांति का प्रतीक है जिसे बाबा साहेब ने प्रेरित किया। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि- बहुत सारी पार्टियों ने जब ‘जय भीम’ के नारे लगाए तो दिल में खुशी हुई।हालांकि ये भी सच है कि बहुत सारी पार्टियों के बीच ‘जय भीम’ एक दिखावा है क्योंकि जब उनकी सरकारों में बाबा साहेब अंबेडकर के कदमों पर चलने का मौका मिलता है तो वहां वे चुप हो जाते हैं। मंगलवार को राज्यसभा में गृह मंत्री ने जो बयान दिया है वो चिंता का विषय है हालांकि उनका ये बयान पूर्णतया कांग्रेस पर हमला था लेकिन उन्होंने जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया उससे गहरी चिंता है।किसी को मजबूरी में तो किसी को जरूरत में बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेना ही पड़ता है। अहंकार बहुत अच्छा नहीं होता है। न सदा कांग्रेस सत्ता में रही और न ही भाजपा सदा सत्ता में रहेगी। ये बयान शर्मनाक है लेकिन जो इस बयान के खिलाफ नारे लगा रहे हैं, मेरा उनसे भी अनुरोध है कि जहां आपकी सरकार है वहां बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों के आधार पर सरकार चलाएँ ।
बीएसपी नहीं होती तो यह बाबा साहब का नाम मिटा देते- बीएसपी सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती
बीएसपी सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि बीजेपी हो और चाहे कांग्रेस हो सभी दल अभी भी बाबा साहब डॉ. अंबेडकर का सम्मान नहीं करते। उनका सम्मान भी छलावा रहा है। जैसा देखने को मिलता है, सभी पार्टिया बाबा साहब का नाम इस्तेमाल करके सिर्फ वोटों को लुभाने के लिए लगी रहती हैं, मैं वर्तमान पार्टी को भी चेतावनी दे रही हूं कि अगर बाबा साहब के नाम का इस्तेमाल करके वोट के लिए राजनीति बंद नहीं की गई तो हमारी पार्टी को पूरे देश में विरोध करना पड़ेगा। अगर बीएसपी नहीं होती तो यह बाबा साहब का नाम मिटा देते, बीएसपी को कमजोर करने के लिए इन लोगों ने छोटी-छोटी स्वार्थी पार्टियों को अपने साथ जोड़ा ताकि बीएसपी कमजोर हो जाए। इन पार्टियों के लिए इनके जो भी भगवान हैं उनसे बीएसपी को कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन दलितों व अन्य उपेक्षितों के लिए एकमात्र इनके भगवान केवल बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर हैं, जिनकी वजह से ही इन वर्गों को जिस दिन संविधान में कानूनी अधिकार मिले हैं, तो उसी दिन इन वर्गों को सात जन्मों तक का स्वर्ग मिल गया था।’ मायावती ने कहा कांग्रेस पार्टी ने संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को भी मिटाने की पूरी कोशिश की, कांग्रेस पार्टी जरूर कामयाब हो जाती। कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए अगर काशीराम ने अपना पूरा जीवन नहीं दिया होता, जिस मंजिल तक पहुंचाने के लिए मुझे भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित करनी पड़ी,हमने सभी साम,दाम,दंड,भेद और हथकंडों का मुकाबला करते हुए डटकर सामना किया। मायावती ने कहा, ‘कांग्रेस व बीजेपी एण्ड कम्पनी के लोगों को बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की बजाय, उनका पूरा आदर-सम्मान करना चाहिए ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने अमित शाह के बयान को संविधान पर हमला बताया। बनर्जी ने कहा, ‘अमित शाह की टिप्पणी न केवल डॉ. बीआर अंबेडकर बल्कि संविधान की ड्राफ्ट कमेटी के सभी सदस्यों का अपमान है। अमित शाह की टिप्पणी उन लाखों लोगों का अपमान है जो मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए डॉ.बीआर अंबेडकर की ओर देखते हैं।’
आरएसएस के इशारे पर शाह ने दिया बयान-महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री – उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि- ‘बाबासाहेब डॉ.अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी बीजेपी के अहंकार को दर्शाती है और उसका असली चेहरा उजागर करती है। पीएम मोदी को डॉ.अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के समर्थन के बिना अमित शाह डॉ. अंबेडकर के बारे में टिप्पणी करने की हिम्मत नहीं कर पाते।
बीजेपी वाले शुरू से ही बदलना चाहते थे संविधान- राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि ‘यह संविधान के खिलाफ है। बीजेपी वाले शुरू से कह रहे थे कि वे संविधान बदल देंगे। वे डॉ.अंबेडकर जी और उनकी विचारधारा के खिलाफ हैं।’ इनका एक ही काम है संविधान को खत्म करना और अंबेडकर जी ने जो काम किया ये पूरा देश जानता है।