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शाहपुरा जिला खत्म…जल्द कलेक्टर का पद होगा खाली..? अन्य अधिकारी को मिल सकता है चार्ज..?

क्रांतिकारियों के बलिदान और समर्पण सहित अन्य प्रसिद्धि को कैसे मिलेंगे विकास के पंख!

शाहपुरा@(किशन वैष्णव)2024 खत्म होने के साथ–साथ शाहपुरा जिला रहने की उम्मीदे भी खत्म होती जा रही है।राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने शाहपुरा को जिले के मुंह में जिलारूपी निवाला दिया और बीजेपी उसे छीनने की कगार पर है अनुमानित तौर पर सूत्र बताते हैं की शाहपुरा जिला जल्द खत्म कर दिया जायेगा।पूर्व में शाहपुरा से जिला पुलिस अधीक्षक हटाना व उनके सरकारी वाहन को जयपुर बुलाना आमजन में जिला हटाने के असमंजस को कुछ हद तक पक्का करने में मदद करता है वही उसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का शाहपुरा आना और हजारों जनमानस जो सभा में जिले के बचाव व यथावत के लिए दो शब्द सुनने को उत्सुक थे इस बीच जिले के संबंध में चुप्पी साधना फिर दूसरी बार जिले के हटने के संकेत की ओर ले जा रहा है। जिसे आमजनता के लिए बड़ा निराशा जनक होगा।तीसरी बार गुप्त सूत्र बता रहे हैं की 2024 अंतिम तक जिला कलेक्टर का पद भी इस जिले से जाने वाला है..?इसका चार्ज अतिरिक्त किसी अधिकारी को मिलने वाला है।राजस्थान में शहीदों की धरोहर,वीर सपूतों की धरती को विकास के पंख लगाने के सपने एक सरकार ने दिखाए ही थे की दूसरी सरकार ने न जाने किस कारण से काट लिए।रियासतकालीन प्रसिद्ध जिले को वर्तमान जिला घोषित करना ही चाहिए यह जनता की मांग है इसके पीछे जनता का अर्थ यहां के बलिदानी अमर शहीद और प्रसिध्द पहचान है क्युकी यहां के वीर क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ,क्रांतिकारी जोरावर सिंह बारहठ,अमर शहीद प्रताप सिंह बारहठ की पवित्र भूमि है जो उनके बलिदानों से देश के युवाओं में बलिदानी ताकत और देशसेवा का जुनून पैदा करती है।वही कयास लगाए जा सकते हैं की शाहपुरा जिला रियासत काल के समय शाहपुरा में पर्याप्त विकास था। क्रांतिकारियों की भूमि है।रामस्नेही सम्प्रदाय की अंतरराष्ट्रीय पीठ है। फूलडोल मेले को राज्य स्तरीय दर्जा मिले तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पैनोरमा का निर्माण हो रहा है,प्रसिद्ध रामस्नेही संप्रदाय पीठ,क्रांतिकारियों की जन्मस्थली प्रसिद्ध देवखेड़ा,कोटड़ी श्याम,मां धनोप,तीर्थ स्थल धानेश्वर संगम और भी बहुत कुछ पर्याप्त है जिला घोषित करने के लिए।आजादी के समय शाहपुरा के सपूतों और राजा महाराजाओ ने देश की आन बचाने के लिए प्राण तक त्याग दिए।इन क्रांतिकारियों की वीर धरा से युवाओं और देश को प्रेरणा मिले इसके लिए शाहपुरा को जिला यथावत रहने देना चाहिए और विकास की ओर आगे परिवर्तन करने चाहिए। यहां आधारभूत ढांचे को मजबूत करने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार की जरूरत है। रेलवे कनेक्टिविटी की ओर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।स्थानीय विधायक लालाराम बैरवा को भी इस और सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहिए लेकिन राज्य सरकार तक किसी प्रकार की सूचना पहुंचाकर आमजनता के हित में जिले को बचाने के प्रयास नही किए जा रहे हैं।जो आमजन के मंसूबे पर पानी फेर रहे हैं।वही मेरे जहन में एक घावयुक्त सवाल ये उठ रहा है की क्रांतिकारियों के बलिदान और समर्पण सहित अन्य प्रसिद्धि को कैसे मिलेंगे विकास के पंख…?

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