Donation box of Singoli Charbhuja temple
(रमेश चंद्र डाड)
आकोला /स्मार्ट हलचल/मेवाड़ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरि हर धाम सिंगोली चारभुजा के मन्दिर में रखे गए दानपात्र को देवस्थान विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में खोला गया। दान पात्र से 9 लाख 87 हजार 9 सौ 50 रुपए की राशि प्राप्त हुई।दानपात्र खोलते समय देव स्थान विभाग अजमेर के सहायक लेखाधिकारी सुरेन्द्र सिंह , निरीक्षक भोजराज अग्रवाल , खजांची विनोद असीवाल , राम प्रसाद सेवावीर, मन्दिर प्रबन्धक अर्जुन सिंह सोलंकी , मन्दिर भण्डारी सुरेन्द्र कुमार पाराशर , पुजारी धर्मेन्द्र कुमार पाराशर , प्रमिला पाराशर,सुरक्षाकर्मी नन्द लाल माली सहित अन्य व्यक्ति मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि देवस्थान विभाग अजमेर के अधिकारी 20 नवम्बर बुधवार को भी दानपात्र खोलने आए थे लेकिन उस समय क्षेत्र के श्रद्धालुओं की ओर से दानपात्र खोलने का भारी विरोध किए जाने से दानपात्र को नहीं खोला जा सका। देवस्थान विभाग के अधिकारियों को दानपात्र खोले बिना ही बैरंग वापस लौटना पड़ा था।
* 1995 में हुआ था अधिग्रहण *
सिंगोली चारभुजा के मन्दिर का राजस्थान सरकार ने 15 मार्च 1995 को अधिग्रहण कर लिया था और इसे आत्मनिर्भर श्रेणी के मन्दिर में सम्मिलित कर लिया। देव स्थान विभाग सिंगोली चारभुजा के मन्दिर में रखे गए दानपात्र को समय समय पर खोल कर दानपात्र की राशि को ले जाता रहा है। अधिग्रहण के बाद से 29 वर्षों की अवधि में देवस्थान विभाग दान पात्र से निकली करोड़ों रुपए की राशि ले जा चुका है। सिंगोली चारभुजा के मन्दिर से प्राप्त होने वाली राशि देवस्थान विभाग ले जाता रहा और मन्दिर के विकास की उपेक्षा करता रहा इससे मन्दिर का विकास अवरुद्ध होने लगा। इससे क्षेत्र के श्रद्धालुओं में नाराजगी पनपने लगी।
** पहले भी हुआ विरोध *
दानपात्र को खोल कर राशि ले जाने और विकास अवरुद्ध होने पर पहले भी कई बार विरोध हुआ। 7 जनवरी 2016 को भी तत्कालीन सरपंच विमला देवी पाराशर और ग्रामीणों ने दानपात्र नहीं खोलने दिया । पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह ने भी देवस्थान विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त सोनी को चेक नहीं ले जाने दिया।
14 जून 2019 को भी दानपात्र नहीं खोलने दिया था। राशि वापस दानपात्र में डलवाई गई।
9 अक्टूबर 2024 को राज्यपाल वागडे से मिल कर देवस्थान विभाग से मुक्त करवाने की मांग की।
“” सिंगोली चारभुजा का मन्दिर 635 वर्ष पुराना है और क्षेत्र में मान्यता है। जब से देवस्थान विभाग ने अधिग्रहण किया विकास ठप हो गया। मन्दिर की राशि अन्यत्र व्यय की जाती है। “”
राकेश कुमार आर्य ,सरपंच सिंगोली चारभुजा
“” मेवाड़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिने जाने वाले सिंगोली चारभुजा के मन्दिर का विकास नहीं होने से जनता क्षुब्ध है। अधिग्रहण के बाद से हालात खराब हो रहे है। यहां से करोड़ों रुपयों की राशि विभाग ले जा चुका। अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। बिना किसी पूर्व सूचना के अधिकारी आए और दानपात्र खोला गया। लाखों रुपयों की राशि फिर ले गए। हमारा विरोध लगातार होगा। “””
भवानी शंकर जोशी , अध्यक्ष
सिंगोली श्याम सेवा संस्थान
” सिंगोली चारभुजा मन्दिर को देवस्थान विभाग के अधिग्रहण से मुक्त करवाए बिना विकास को गति नहीं मिलेगी। मन्दिर का विकास अवरुद्ध हो रहा है। हम लम्बे संघर्ष को तैयार है। ”
बिन्दु सेठ शर्मा , भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा प्रदेश महामंत्री महाराष्ट्र