भीलवाड़ा ।शहर के पटेल नगर स्थित देवनारायण मंदिर स्थित शिव महापुराण कथा के दौरान राष्ट्रीय कथा वाचक अजय भारती जी ने मंगलवार सातवे दिन अपने मुखार विन्द से 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना व उनके महात्मय की व्याख्या करते हुए,महिमा का वर्णन किया, कथा के दौरान कथा वाचक भारती जी ने बताया की हिन्दू धर्म में पुराणों के अनुसार शिवजी जहाँ-जहाँ स्वयं प्रकट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्रीसोमनाथ, श्रीशैल पर श्रीमल्लिकार्जुन, उज्जयिनी (उज्जैन) में श्रीमहाकाल, ॐकारेश्वर अथवा अमलेश्वर (मालवा में), परल्यां वैद्यनाथं च नामक स्थान [1] श्रीभीमशंकर, सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय पर केदारखंड में श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्रीघुश्मेश्वर।[क] हिंदुओं में मान्यता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल उठकर इन बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम का पाठ करता है, उसके सभी प्रकार के पाप छूट जाते हैं और उसको संपूर्ण सिद्धियों का फल प्राप्त हो जाता है।[2] प्रत्येक ज्योतिर्लिङ्ग का एक-एक उपलिंग भी है जिनका विवरण शिवमहापुराण की ‘ज्ञानसंहिता’ के 38वें एवं ‘कोटिरुद्रसंहिता’ के प्रथम अध्याय में प्राप्त होता है।[3]इस दौरान ज्योति शर्मा ने अम्लीडो भक्ता न लाग प्यारो, मोहन आओ तो सही जैसे अपनी मधुर वाणी से सुमधुर भजनो की प्रस्तुति दी तो वातावरण भक्ति मय हो गया जिस पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूम उठे.,