संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने का संदेश, गणगौर महोत्सव में उमड़ी भीड़
कोटा। स्मार्ट हलचल/कोटा के राधिका रिजॉर्ट एवं वॉटर पार्क, थेकड़ा रायपुरा रोड पर राजपूत क्षत्राणीयों का भव्य गणगौर महोत्सव बड़ी धूमधाम से आयोजित किया गया। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा राजस्थान महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष तरुणा सोलंकी छपावदा के नेतृत्व में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। महोत्सव में 300 से अधिक क्षत्राणियों ने भाग लिया और विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन अनिता गौड़ ने किया।
गणगौर क्वीन बनीं दिव्या सिसौदिया
गणगौर महोत्सव के सबसे प्रतिष्ठित “मिस गणगौर” प्रतियोगिता में दिव्या सिसौदिया ने जीत हासिल कर गणगौर क्वीन का ताज अपने नाम किया। अतिथियों द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया और भव्य ताज पहनाया गया।
विशिष्ट अतिथियों की रही गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें करिश्मा हाड़ा (ब्रांड एंबेसडर, यूपी ट्रांसपोर्ट, लखनऊ), भंवर शेखावत (राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, दिल्ली), मधु राठौड़ (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, जयपुर), डॉ. रीना राणावत (बैंक डायरेक्टर एवं बी.एड कॉलेज डायरेक्टर, बूंदी), भावना झाला (प्रधान, पंचायत समिति झालरापाटन, झालावाड़), संतोष कंवर (पार्षद, भीलवाड़ा), पुनम खंगारोत (राजपूत समाज सेविका, जयपुर), कीर्ति राठौड़ (सेलिब्रिटी ड्रेस डिजाइनर), डॉ. प्रीति राठौड़ (फिजीशियन, बूंदी), और उर्मिला सोलंकी (सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट) शामिल थीं।
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पुरस्कार वितरण
तरुणा सोलंकी छपावदा ने बतााय कि महोत्सव में ग्रुप डांस, छोटे बच्चों के नृत्य प्रदर्शन,घूमर, मिस गणगौर प्रतियोगिता जैसे कई भव्य आयोजन हुए। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया, जिसमें बेस्ट पोशाक, बेस्ट मेंहदी, बेस्ट डांस, और बेस्ट ज्वेलरी के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त, सपना सोलंकी को बेस्ट पर्सनालिटी, बेस्ट डांस का पुरस्कार पूजा हाड़ा को, रणबीर हाड़ा एवं आशा कंवर को सरप्राइज़ ईसर और गणगौर के रूप में चुना गया।
संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश
कार्यक्रम के दौरान करिश्मा हाड़ा ने कहा कि “ऐसे आयोजन हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। त्यौहारों के माध्यम से हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा मिलती है। जीवन में कितनी भी ऊंचाइयों को छू लें, अपनी संस्कृति और परंपराओं को नहीं भूलना चाहिए।”
अगले वर्ष और भव्य आयोजन का संकल्प
अंत में आयोजक तरुणा सोलंकी छपावदा ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि “राजपूत क्षत्राणियों का यह आयोजन हर वर्ष और भी भव्य स्तर पर आयोजित किया जाएगा, ताकि हमारी परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जा सके।”