भीलवाड़ा । चितौड़गढ़ जिले की राशमी ग्राम पंचायत सहित मुख्यालय पर स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही थी खुले में कचरा डाला जा रहा था यहां बनास नदी के पास कचरा संग्रहण केन्द्र बना दिया लेकिन यहां भी खुले में कचरा और गंदगी के ढेर पड़े रहते थे जिससे गौवंश वहां पड़े कचरे और गंदगी के ढेर में भोजन की तलाश में वहां विचरण करते और प्लास्टिक खाने की वजह से फूड पॉइजनिंग का शिकार होकर कई गौवंश काल के ग्रास बन गए । उधर खुले में कचरा डालने से बनास नदी का पानी भी दूषित हो रहा था, बनास नदी मेवाड़ की गंगा मानी जाती है जिसका पानी बीसलपुर बांध में जाता है और यह पानी भीलवाड़ा, जयपुर, टोंक और अजमेर को मिलता है वही गौवंश द्वारा प्लास्टिक खाने से कैंसर जैसे घातक रोगों को भी बढ़ावा मिलता है क्युकी गाय और भेंस के प्लास्टिक खाने से उनके दूध में घातक रोग उत्पन्न होते है जो सीधे इंसानों के शरीर में जाते है । उधर स्वच्छ भारत अभियान को ताक पर रख प्रशासन भी बेखबर था । ग्रामीणों ने कई जनप्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों, प्रशासन को इस समस्या से बार बार अवगत करवाया लेकिन सुनवाई नही हुई । उसके बाद स्मार्ट हलचल न्यूज ने खबर को प्रमुखता से उठाते हुए शीर्षक ” राशमी ग्राम पंचायत की उदासीनता के चलते गंदगी और कचरे के ढेर पर प्राण त्याग रही गौमाता, गौ सेवको में भारी रोष ” के साथ समाचार का प्रकाशन किया । जिस पर तुरंत पंचायत प्रशासन ने संज्ञान लिया और फाटक लगाकर तारबंदी कर कचरा संग्रहण केन्द्र को सुरक्षित किया जिससे गौ माता और गौ वंश कचरे के ढेर में प्लास्टिक खाकर अपनी जान न गवाएं । वही कचरे को भी इधर उधर न डालकर तारबंदी के अंदर ही डाला जा सके ।