महिमा
बिजौलिया: पंचायत समिति बिजौलिया क्षेत्र में प्रस्तावित नई ग्राम पंचायत उन्दरो का खेड़ा को लेकर क्षेत्र में विरोध की आवाज़ तेज़ हो गई है। माल का खेड़ा के पूर्व सरपंच प्रकाश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रशासनिक निर्णय पर सवाल उठाते हुए धनवाड़ा को ग्राम पंचायत बनाने की पुरजोर मांग की है।
पूर्व सरपंच शर्मा ने बताया कि प्रशासन द्वारा उन्दरो का खेड़ा को माल का खेड़ा से पृथक कर नई ग्राम पंचायत के रूप में पुनर्गठित किया जा रहा है, जबकि यह निर्णय जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और सामाजिक संरचना के लिहाज़ से पूरी तरह अनुचित है।
उन्होंने बताया कि भले ही उन्दरो का खेड़ा की जनसंख्या 1424 है और वहां चिकित्सा, विद्यालय एवं सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन इसके बावजूद उसे पंचायत बनाया जाना समझ से परे है, क्योंकि इसके मुकाबले धनवाड़ा ग्राम की जनसंख्या 2320 है, जो एक आदिवासी बहुल इलाका है और आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
धनवाड़ा गांव राज्य सरकार की मांडा योजना में शामिल है तथा यह एक राजस्व ग्राम है जिसमें छोटे-बड़े 14 मझरे /गांव सम्मिलित हैं। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या अनुसूचित जनजाति वर्ग से है। इन सभी गांवों से धनवाड़ा की दूरी औसतन 2 किमी है, जबकि उन्दरो का खेड़ा की दूरी लगभग 6 किमी पड़ती है। ऐसे में पंचायत मुख्यालय के लिए धनवाड़ा ज्यादा उपयुक्त और सुलभ विकल्प है।
प्रकाश चंद्र शर्मा के साथ पूर्व सरपंच प्रतिनिधि मोहनलाल लुहार, धनवाड़ा वार्ड पंच संतरा मीना और भाजपा बूथ अध्यक्ष सौराज मीणा ने भी प्रस्तावित पुनर्गठन पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह निर्णय जनभावनाओं के विरुद्ध है और इस पर पुर्नविचार होना चाहिए। ग्रामीणों ने धनवाड़ा को नई ग्राम पंचायत घोषित करने की मांग को लेकर जल्द ही उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने की बात भी कही है।