Homeभीलवाड़ापिछवाई कला से बनाया श्रीनाथजी का स्वरूप

पिछवाई कला से बनाया श्रीनाथजी का स्वरूप

आसींद। पिछवाई पेंटिंग भारत की एक प्राचीन और समृद्ध कला शैली है, जिसकी जड़ें राजस्थान में हैं। इस अद्भुत कला में भगवान कृष्ण के श्रीनाथजी स्वरूप को कलाकार भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड क्षेत्र के नेगडिया पंचायत निवासी 22 वर्षीय स्केच कलाकार प्रांजल मेडतवाल पिता अशोक कुमार मेडतवाल द्वारा स्वयं अपने कला के माध्यम से स्वरूप को उभारने का प्रयास किया गया है । कलाकार मेडतवाल ने बताया कि नाथद्वारा शहर में उत्पन्न, पिछवाई को पारंपरिक रूप से श्रीनाथजी मंदिर के लिए पर्दों और लटकने वाले आलंकरणों के रूप में बनाया जाता था। अब इनका उपयोग घरों, होटलों, इत्यादि में सजावटी उद्देश्यों के लिए वॉल हैंगिंग के रूप में भी किया जाता है। इस चित्रकला को पारंपरिक प्राकर्तिक रंगो से बनाया जाता है। इन चित्रों की विशेषता उनके जटिल विवरण, चमकीले रंग और भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं का चित्रण है। हालाँकि, पिछवाई पेंटिंग में उनकी सौन्दर्यात्मक सुंदरता के अलावा और भी बहुत कुछ है। ये पेंटिंग प्रतीकात्मकता से समृद्ध हैं और गहरा आध्यात्मिक महत्व रखती हैं। स्केच कलाकार मेडतवाल ने बताया कि कला के प्रति लगन व समर्पण से महापुरुषों, भगवान के स्वरूप व प्रकृति के रंग के अनेक कलाकृति तैयार की गई ।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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