एसटी-एससी बाहुल्य गोपालगढ़ के सैकड़ों ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत टीकरी किलानोत में ही यथावत रखने की मांग कर जताया आक्रोश।
मनोज खंडेलवाल
स्मार्ट हलचल|मंडावर उपखंड क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत टीकरी किलानोत के अंतर्गत आने वाले ग्राम गोपालगढ़ के सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासनिक पंचायती पुनर्गठन के हालिया आदेशों के विरोध में एकजुट होकर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है और जिला प्रशासन के फैसले को जनविरोधी, असंवेदनशील व असंवैधानिक करार देते हुए मंडावर उपखंड अधिकारी अमित वर्मा को दौसा जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि अशोक फुलमंडा ने स्पष्ट किया कि ग्राम गोपालगढ़ को नवीन रूप से गठित ग्राम पंचायत वीरासना में शामिल किया जाना पूर्णतः अव्यावहारिक, गैरतार्किक और ग्रामवासियों के अधिकारों का घोर उल्लंघन है क्योंकि यह ग्राम पंचायत गोपालगढ़ से लगभग 8 किलोमीटर दूर है जबकि टीकरी किलानोत की ग्राम पंचायत जो पूर्व से ही गोपालगढ़ से संबद्ध रही है, मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ग्रामीणों ने बताया कि गोपालगढ़ पंचायत राज अधिनियम लागू होने के समय से ही ग्राम पंचायत टीकरी किलानोत का अभिन्न हिस्सा रहा है और यह रिश्ता सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक, शैक्षिक और व्यावहारिक स्तर पर भी गहराई से जुड़ा हुआ है जहां ग्रामीणों के खेत, विद्यालय, आईटी केंद्र, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सुविधाएं टीकरी किलानोत के साथ सजीव संपर्क में हैं जबकि वीरासना जाने के लिए उन्हें दो गांवों, पीलवा और महवा-मंडावर मुख्य सड़क को पार करना पड़ता है जिससे जनसुरक्षा और सुगमता की दृष्टि से गहरा संकट उत्पन्न होता है
ग्रामीणों ने तर्कसंगत ढंग से उदाहरण देते हुए बताया कि यदि पुनर्गठन आवश्यक ही है तो नजदीकी गांव मान्यपुरा और राजगढ़ जैसे स्थान जिन्हें पहले से धौलखेड़ा पंचायत में सम्मिलित किया गया था और जिनकी सीमाएं बीरासना से सटी हुई हैं उन्हें इस नवीन पंचायत में सम्मिलित किया जाना चाहिए क्योंकि इनकी भौगोलिक, प्रशासनिक और सामाजिक संरचना वीरासना से मेल खाती है इसके उलट गोपालगढ़ का वीरासना से कोई ऐतिहासिक, प्रशासनिक या सामुदायिक संबंध नहीं रहा है
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि आबादी की दृष्टि से गोपालगढ़ ग्राम वीरासना से अधिक बड़ा और सक्रिय गांव है जो कि स्वयं प्रशासनिक केंद्र बनने की क्षमता रखता है लेकिन इसके बावजूद उसे उससे दूरस्थ और असंबंधित पंचायत में शामिल करना सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों के प्रतिकूल है गोपालगढ़ एसटी और एससी बाहुल्य क्षेत्र है जहां संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत सामाजिक समावेशिता, सुगमता और सशक्तिकरण की नीतियों को लागू किया जाना चाहिए लेकिन वर्तमान प्रशासनिक निर्णय ने ग्रामवासियों को दुविधा में डाल दिया है।
ग्रामीणों ने प्रशासन को दो टूक चेतावनी दी है कि यदि ग्राम गोपालगढ़ को पूर्ववत टीकरी किलानोत ग्राम पंचायत में यथावत नहीं रखा गया तो गांव के समस्त निवासी आगामी चुनावों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली संवैधानिक, सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता की समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की होगी। इस दौरान पूर्व भाजपा मंडल मंडावर अध्यक्ष विश्वानाथ सिहँ नरुका,पूर्व मंडावर सरपंच कुसुमलता,पन्नालाल बैरवा, विशम्भर बैरवा,जयलाल बैरवा, छोटेलाल बैरवा,बिजेन्द्र बैरवा, नानग्या मीना,टीकम बैरवा, दिलीप सिहँ राजपूत,मुकेश राजपूत,अमरसिंह बैरवा, चेतराम बैरवा,महेश बैरवा,महेश हरिजन आदि सहित गोपालगढ के सैंकडो ग्रामीण मौजूद रहें।