स्मार्ट हलचल|नीमराना व आस पास के क्षेत्र में शुद्ध पानी की किल्लत का फायदा उठाकर अवैध आरओ प्लांट धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। बिना जांच, बिना मानक के सप्लाई हो रहे इस पानी से लोगों की सेहत खतरे में हैं आस पास के क्षेत्र और कस्बे सहित निकटवर्ती उपखंड में शुद्ध पानी की आपूर्ति समस्या गंभीर होती जा रही है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही नलों से पर्याप्त और शुद्ध जल की आपूर्ति नहीं होने के कारण आरओ वाटर की मांग तेजी से बढ़ गई है। इसी बढ़ती मांग के कारण गली-गली अवैध आरओ प्लांट संचालित होने लगे हैं। लेकिन, इन प्लांटों के संचालन के लिए आवश्यक खाद्य एवं औषधि सुरक्षा विभाग से पंजीयन अनिवार्य है, जो कि एक प्रक्रिया के तहत किया जाता है। इसके बावजूद, क्षेत्र में कितने पंजीकृत आरओ प्लांट हैं, इसकी जानकारी स्वयं खाद्य एवं औषधि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं।
जिम्मेदार बेपरवाह:
शुद्ध पानी के नाम पर नल के पानी की डिलीवरी
आरओ प्लांट संचालक शुद्ध पानी के नाम पर बिना किसी गुणवत्ता जांच के पानी की होम डिलीवरी कर रहे हैं। राठ मंच के अध्यक्ष मनोज मुद्गल एडवोकेट ने बताया कि आम नागरिक से लेकर सरकारी कार्यालयों तक में यह पानी धड़ल्ले से सप्लाई हो रहा है। लोग इसे सेहत के लिए लाभकारी समझकर उपयोग कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि यह एक तरीके से सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है।